महिला तीरंदाजी टीम का खत्म हो सकता है वीजा का इंतजार

नई दिल्ली। भारतीय महिला रिकर्व तीरंदाजी टीम का ओलम्पिक में खेलने का सपना जल्द साकार हो सकता है, क्योंकि फ्रांस ने एक बार फिर से वीजा की स्वीकृति के लिए पासपोर्ट मांगे हैं और टीम पांच जून को पेरिस के लिए उड़ान भर सकती है। उसे पेरिस में 21 से 27 जून तक होने वाले विश्व कप के अंतिम चरण तीन में भाग लेना है, जो अंतिम ओलम्पिक क्वालीफायर टूर्नामेंट है।
पहले टीम को वीजा नहीं दिया गया था, जिसके बारे में एक अधिकारी ने कहा, 'हमने फ्रांस के उच्चायोग में वीजा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। हमारा अभी वीजा स्वीकार नहीं किया गया। भारत ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश और नेपाल के भी तीरंदाजों के वीजा स्वीकार नहीं किए गए थे।'
इस मामले में भारतीय तीरंदाजी संघ ने विश्व तीरंदाजी संघ और भारतीय खेल प्राधिकरण से मदद मांगी थी, जिसमें विदेश मंत्रालय भी बीच में कूद पड़ा। उसने भी भारतीय तीरंदाजों का वीजा देने की गुहार लगाई। इस तरह हुई बातचीत के बाद फ्रांस ने दोबारा प्रक्रिया करना शुरू कर दिया है।
अधिकारी ने कहा, 'हमें हाल ही में उच्चायोग से जानकारी मिली है कि वीजा के लिए एक बार फिर से नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं। शुक्रवार को हमने 16 तीरंदाजों और सात कोचों व अधिकारियों के पासपोर्ट वीजा की प्रक्रिया के लिए सौंप दिए हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पांच जून को हम पेरिस के लिए उड़ान भर सकते हैं। टिकट बुक हो चुके हैं और उम्मीद है कि हमें वीजा मिल जाएगा, लेकिन निश्चित नहीं कह सकते हैं।' भारतीय तीरंदाजी संघ चाहता है कि तीरंदाजों को वीजा मिलने के बाद उन्हें 10 दिन के क्वारंटाइन के दौरान अभ्यास करने की सुविधा भी मिले।
तीरंदाजों को अगर पेरिस विश्व कप के लिए वीजा नहीं मिलता है तो टोक्यो में पुरुष टीम के साथ दीपिका कुमारी को ही खेलना पड़ेगा, जबकि महिला रिकर्व तीरंदाजी टीम में शामिल अंकिता भक्त, कोमालिका बारी और मधु वेदवान का ओलम्पिक में खेलने का सपना धरा रह जाएगा।

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