ओलम्पिक में पदक जीतना ही मेरा लक्ष्यः नीरज चोपड़ा

पटियाला में गर्मी की परवाह किए बिना कर रहे कड़ी मेहनत
थकान मिटाने को सुनते हैं पंजाबी गाने
खेलपथ संवाद
पानीपत।
भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा के खाते में अंडर-20 में विश्व रिकॉर्ड के साथ विश्व चैम्पियन के अलावा एशियन व कामनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण पदक भी दर्ज हैं, सिर्फ ओलम्पिक पदक की कमी है। पानीपत के रहने वाले और सेना में सूबेदार 23 वर्षीय नीरज हर रोज छह घंटे जर्मन कोच कलाउज और सीनियर खिलाड़ी व कोच जयवीर उर्फ जय ढौंचक के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) पटियाला में अभ्यास कर रहे हैं।
नीरज का मानना है कि टोक्यो ओलम्पिक में राह आसान नहीं है, लेकिन लक्ष्य पाने के लिए 100 फीसद प्रयासरत हूं। पहले अभ्यास के दौरान भाला 84 मीटर तक जाता था, अब बढ़कर 87 मीटर हो गया है। नीरज कहते हैं, 'उम्मीद थी कि 2021 में अफ्रीका में विश्व के नामचीन थ्रोअर के साथ अभ्यास करूंगा और ओलम्पिक से पहले की तैयारी का आकलन हो जाएगा लेकिन, कोरोना के कारण डायमंड लीग व अन्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में शिरकत नहीं कर पाया। इसका मलाल है। देशवासी पदक की उम्मीद लगाए हुए हैं। देसी और विदेशी कोचों के मार्गदर्शन और समुचित अभ्यास से ओलम्पिक पदक जीतने का लक्ष्य पूरा करूंगा।' 
नीरज ने बताया कि भाला फेंक की विश्व रैंकिंग में वह जर्मनी के जोहानस वैटर के बाद दूसरे स्थान पर हैं। दो महीने पहले वह राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ 88.07 मीटर भाला फेंक चुके हैं और अब 90 मीटर का लक्ष्य पाना है। तकनीक में सुधार के साथ-साथ शारीरिक ताकत बढ़ाने पर वह जोर दे रहे हैं। यह उनका पहला ओलम्पिक है और जर्मनी, केन्या, चीन, इस्टोनिया और चेक गणराज्य के खिलाडि़यों से उनका कड़ा मुकाबला होगा। नीरज का सारा ध्यान ओलम्पिक की तैयारी पर है। इसलिए इंटरनेट मीडिया से दूर हैं। अभ्यास के बाद थकान हो जाती है तो इसे मिटाने के लिए पंजाबी गाने सुनते हैं।

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