इंग्लैण्ड दौरा टीम इंडिया के लिए सबसे मुश्किल
पिछले 10 साल में भारत को मिलीं सबसे ज्यादा हार
भारत को टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल और पांच टेस्ट खेलना है
लंदन। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अगले 4 महीने काफी चैलेंजिंग रहने वाले हैं। टीम इंग्लैंड दौरे पर जा रही है, जहां पहले उसे न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल खेलना है। इसके बाद टीम इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैच की टेस्ट सीरीज खेलेगी। वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल 18 से 22 जून के बीच साउथैम्प्टन में खेला जाएगा।
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज की शुरुआत चार अगस्त से होगी। भारत के लिए यह दौरा आसान नहीं रहने वाला है, क्योंकि टीम को पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा हार इंग्लैंड की धरती पर ही मिली हैं। टीम इंडिया ने इंग्लैंड में इस दौरान 14 टेस्ट खेले हैं। इसमें से 11 में भारत को हार का सामना करना पड़ा और वह सिर्फ दो ही मैच जीत सकी।
भारत सबसे मुश्किल दौरे को लेकर जरूर चिंतित होगी। इंग्लैण्ड के अलावा बाकी देशों की बात करें, तो टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में पिछले 10 साल में 16 टेस्ट खेले हैं। इसमें से 8 मैच में टीम इंडिया को हार मिली और 4 मैच में जीत दर्ज की वहीं, न्यूजीलैंड दौरे पर भारत ने 4 टेस्ट खेले, जिसमें से 3 में हार मिली और 1 ड्रॉ रहा। दक्षिण अफ्रीका में भारत ने 8 टेस्ट खेले, जिसमें से 2 में जीत और 4 में हार का सामना करना पड़ा। दो टेस्ट ड्रॉ रहे।
भारत ने इंग्लैंड में अब तक कुल 62 टेस्ट खेले हैं। इसमें से 7 में टीम को जीत मिली और 34 में हार का सामना करना पड़ा। 21 टेस्ट ड्रॉ रहे। पिछले 10 साल की बात की जाए, तो भारत ने 2011, 2014 और 2018 में इंग्लैंड का दौरा किया था। 2011 में इंग्लैंड ने भारत को क्लीन स्वीप किया था।
इस दौरे पर भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग, एमएस धोनी जैसे दिग्गज मौजूद थे। इसके बावजूद टीम को मुंह की खानी पड़ी और 4 मैच की टेस्ट सीरीज को भारत ने 4-0 से गंवाया। इंग्लैंड के लिए बल्लेबाजी में केविन पीटरसन और इयान बेल और गेंदबाजी में स्टुअर्ट ब्रॉड, जेम्स एंडरसन, टिम ब्रेसनन और ग्रिम स्वान ने कहर बरपाया था।
पीटरसन 4 मैच में 533 रन बनाकर टॉप स्कोरर रहे थे। वहीं, बेल 4 मैच में 504 रन के साथ दूसरे नंबर पर थे। भारत की ओर से राहुल द्रविड़ ने सबसे ज्यादा 461 रन बनाए थे। वहीं, बॉलिंग में ब्रॉड, एंडरसन, ब्रेसनन और स्वान ने मिलकर कुल 75 विकेट लिए। वहीं, सीरीज में गेंदबाजी करने वाले बाकी 15 गेंदबाज सिर्फ 50 विकेट ही ले पाए।
वहीं, 2014 में भारतीय टीम 5 मैच की सीरीज में 4-1 से हारी थी। 2018 में भी इंग्लिश टीम ने भारत को 5 टेस्ट की सीरीज में 3-1 से हराया था। ऐसे में विदेशी धरती पर न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज भारत के लिए आसान नहीं रहने वाली है।
2014 में भारत का इंग्लैंड दौरा
इस दौरे पर गई टीम में द्रविड़, सचिन, लक्ष्मण और सहवाग जैसे खिलाड़ी नहीं थे। टीम में इनकी जगह अब चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे जैसे बैट्समैन ने ले ली थी। ऐसे में माना जा रहा था कि 5 मैच की सीरीज में ये न्यू इंडिया दम तोड़ देगी। पर पहला टेस्ट ड्रॉ कराने के बाद भारत ने अगला टेस्ट 95 रन से जीता। हालांकि, इसके बाद टीम पटरी से उतर गई और लगातार 3 टेस्ट बुरी तरह से हारे। भारत ने यह सीरीज 3-1 से गंवाई।
जो रूट (518 रन) और गैरी बैलेंस (503) सीरीज के टॉप-2 बल्लेबाज रहे। भारत की ओर से मुरली विजय (402 रन) और धोनी (349 रन) ने सबसे ज्यादा रन बनाए। बॉलिंग की बात की जाए, तो एक बार फिर एंडरसन और ब्रॉड ने कहर बरपाया और इस बार उनका साथ मोइन अली ने दिया। एंडरसन ने 25 और मोइन और ब्रॉड ने 19-19 विकेट लिए। भारत की ओर से सबसे ज्यादा भुवनेश्वर कुमार ने 19 और ईशांत शर्मा ने 14 विकेट लिए।
2018 में भारत का इंग्लैंड दौरा
पिछली दोनों सीरीज में धोनी टीम को लीड कर रहे थे। पर इस सीरीज में टीम को नया कप्तान मिला था। इस टीम का नेतृत्व विराट कर रहे थे। बतौर कप्तान उनका यह पहला इंग्लैंड दौरा था। टीम ने 5 टेस्ट की सीरीज को 4-1 से गंवा दिया। टीम ने पहले 2 मैच हारने के बाद तीसरे टेस्ट में वापसी की और 203 रन से बड़ी जीत हासिल की। हालांकि, इसके बाद टीम को अगले दोनों टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा।
भारत के लिए इस सीरीज में पॉजिटिव ये रहा कि विराट ने कप्तानी का भार बखूबी उठाया और ओवरऑल टॉप-स्कोरर रहे। उन्होंने 5 मैच में 59.30 की औसत से 593 रन बनाए। इस मामले में उनके आसपास भी कोई नहीं था। इसके बाद जोस बटलर ने 5 मैच में 349 रन बनाए।
बॉलिंग की बात की जाए तो एंडरसन फिर सीरीज के टॉप विकेट टेकर रहे। उन्होंने 5 टेस्ट में 24 विकेट लिए। वहीं, ईशांत 18 विकेट के साथ दूसरे और ब्रॉड और मोहम्मद शमी 16-16 विकेट के साथ तीसरे नंबर पर रहे।
क्यों आसान नहीं होगा इस बार का दौरा
इंग्लैंड में पिछले 10 साल में सभी देशों के गेंदबाजों ने मिलकर कुल 2430 विकेट लिए हैं। इसमें से पेस बॉलर्स ने 1902 और स्पिनर्स ने 528 विकेट लिए हैं। ऐसे में वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के लिए न्यूजीलैंड के पास ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी और नील वैगनर जैसे तेज गेंदबाज होंगे। वहीं, इंग्लैंड सीरीज की बात की जाए तो अकेले एंडरसन और ब्रॉड ने मिलकर 573 विकेट चटकाए हैं। वर्ल्ड क्रिकेट में फिलहाल ये दोनों बेस्ट पेस बॉलर्स हैं। ऐसे में इन दोनों से पार पाना भारतीय टीम के लिए आसान नहीं होगा।
वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप
WTC फाइनल में मुकाबला न्यूजीलैंड की बॉलिंग और भारत की बैटिंग के बीच होगा। कीवी टीम के पास साउदी, बोल्ट, वैगनर और जेमिसन हैं। वहीं, भारत के पास कोहली, पुजारा, रहाणे और रोहित होंगे। साउदी ने पिछले 10 साल में भारत के खिलाफ 7 टेस्ट में 37 विकेट लिए हैं। वहीं, बोल्ट ने 9 टेस्ट में 36, वैगनर ने 5 टेस्ट में 18 और जेमिसन ने 2 टेस्ट में 9 विकेट लिए हैं।
न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों का भी रिकॉर्ड शानदार है। विराट ने कीवी टीम के खिलाफ पिछले 10 साल में 9 टेस्ट में सबसे ज्यादा 773 रन बनाए हैं। इसके अलावा पुजारा ने 9 टेस्ट में 749 रन और रहाणे ने 7 टेस्ट में 600 रन बनाए हैं।
इंग्लैंड टेस्ट सीरीज
यह सीरीज भारत के लिए आसान नहीं रहने वाली है। इसमें भी इंग्लैंड के बॉलर्स और इंडिया के बैट्समैन के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा। इंग्लिश टीम की ओर से पिछले 10 साल में भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप-5 गेंदबाज अभी भी टीम में मौजूद हैं। इनमें एंडरसन (94 विकेट), ब्रॉड (68 विकेट), मोइन (49 विकेट), बेन स्टोक्स (34 विकेट), आदिल रशीद (33 विकेट) शामिल हैं।