अभ्यास सत्रों का महत्व समझने लगी है हॉकी टीमः मिडफील्डर मोनिका

पहले सिर्फ कोच के निर्देशों का करते थे अनुसरण
खेलपथ प्रतिनिधि
बेंगलूरु।
भारतीय महिला हॉकी टीम की मिडफील्डर मोनिका ने कहा है कि उनकी टीम अब अपने अभ्यास सत्रों के उद्देश्य को समझने लग गई है। पहले वह सिर्फ कोच के निर्देशों का अनुसरण करती थी। रियो ओलम्पिक 2016 में खेलने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रही मोनिका ने कहा कि शनिवार को सुबह का सत्र सबसे कड़ा होता है।
उन्होंने कहा कि यह बेहद कड़ा सत्र होता है जिसमें मैच की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर कड़ा अभ्यास किया जाता है। प्रत्येक सत्र में तेजी या दमखम पर ध्यान दिया जाता है। हमारे सप्ताह में ऐसे दो या तीन सत्र होते हैं। 
इन दिनों में वास्तव में हमारे फिटनेस स्तर की परीक्षा होती है। टीम अब प्रत्येक सत्र के महत्व को समझती है। हमारी प्रत्येक सत्र और उससे मिलने वाली मदद को लेकर जागरूकता पहले से बेहतर है। पहले हम आंख मूंदकर वही करते थे जो कोच कहता था।
चंडीगढ़ की रहने वाली इस खिलाड़ी ने कहा कि कोचिंग स्टाफ प्रत्येक सप्ताह के अभ्यास के लिए इस तरह से योजना तैयार करता है ताकि टीम सही समय पर अपने चरम पर रहे। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान अब अपने मजबूत पक्षों में सुधार करने और कमजोर पक्षों पर काम करने पर है। हमारा लक्ष्य सही समय पर अपने चरम पर पहुंचना है। प्रत्येक खिलाड़ी के कार्यभार पर गौर किया जाता है और उसी हिसाब से सुधार का आकलन किया जाता है। 
भारतीय महिला हॉकी टीम की मिडफील्डर मोनिका का कहना है कि उनकी टीम का लक्ष्य सही समय पर शिखर पर पहुंचना है। मोनिका ने इस दौरान रेड सीजन के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इससे खिलाड़ियों को ओलम्पिक खेलों के लिए फिटनेस बरकरार रखने में मदद मिलेगी।
मोनिका ने कहा, “रेड सीजन सबसे उच्च ट्रेनिंग सीजन होता है जहां हमारा ध्यान मैच की तीव्रता पर होता है। सभी सीजन में तेजी पर ध्यान केंद्रित होता है और हमारे पास सप्ताह में ऐसे दो-तीन सीजन होते हैं। अभी के समय में हमारी फिटनेस की टेस्टिंग हो रही है और अभी हम लोग हर रोज दो से साढ़े चार घंटा तक ट्रेनिंग कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हमारा ध्यान अब अपनी मजबूती में सुधार करना और कमजोर कड़ी में काम करने पर केंद्रित है। हमारा लक्ष्य सही समय पर शिखर पर पहुंचना है। सभी खिलाड़ियों के वर्कलोड को देखा जा रहा है। हम बस उस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो हमें कोच कहते हैं।”

रिलेटेड पोस्ट्स