70 फीसदी जापानी ओलम्पिक आयोजन के पक्ष में नहीं

टोक्यो ओलम्पिक पर कोरोना का साया
जापान में बढ़ रही है संक्रमितों की संख्या
नई दिल्ली।
टोक्यो ओलम्पिक शुरू होने से पहले जापान में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इस कारण ओलम्पिक गेम्स के रद्द होने के बादल मंडराने लगे हैं। जबकि जापान की सरकार कोरोना के नए मामलों को रोकने का प्रयास कर रही है। 
महामारी के कारण जापान के कई शहरों में फिर से लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ा दिया गया है, जिनमें होक्काइडो, ओकायामा, हिरोशिमा के अलावा टोक्यो और पांच अन्य प्रांत भी शामिल हैं। गुनमा, इशिकावा और कुमामोटो के अलावा सात अन्य प्रातों में लॉकडाउन को तीन जून तक विस्तारित किया गया है। जापानी मीडिया ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी। मालूम हो कि पिछले साल कोरोना महामारी के कारण ओलम्पिक खेलों को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया था।
एक सर्वे के मुताबिक जापान की 70 फीसदी आबादी नहीं चाहती कि ओलम्पिक खेलों का आयोजन हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) ओलम्पिक का आयोजन कराने पर अड़ी हुई है। हाल ही में जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा है कि ओलम्पिक का आयोजन सरकार की प्राथमिकता नहीं है, लेकिन अंत में फैसला आईओसी का होगा। दरअसल, जापान एक अनुबंध के तहत बंधा हुआ है, जिसके अनुसार वह ओलम्पिक के आयोजन को रोक नहीं सकता। बता दें कि 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच ओलम्पिक गेम्स खेले जाएंगे।
ओलम्पिक नहीं होने से कई खिलाड़ियों को काफी नुकसान होगा। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह अपने मुल्क के लिए ओलम्पिक खेले। ओलम्पिक नहीं होने से कई देशों को काफी आर्थिक नुकसान होगा। तो कई खिलाड़ी अगले ओलम्पिक तक खेलने लायक ही नहीं रहेंगे।

 

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