तुर्की गई भारतीय मुक्केबाजी टीम के आठ सदस्य संक्रमित

संक्रमितों में पदक विजेता भी शामिल, दूसरी रिपोर्ट का इंतजार
नई दिल्ली।
भारतीय टीमों को विदेश में टूर्नामेंट खेलने की अनुमति मिलने के बाद अब तक का सबसे बड़ा कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया है। इस्तांबुल (तुर्की) में बोसफोरस टूर्नामेंट खेलने गई 20 सदस्यीय भारतीय मुक्केबाजी टीम के आठ सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनमें नामी मुक्केबाज, कोच और सपोर्ट स्टाफ के सदस्य शामिल हैं।
खास बात यह है कि इन आठ सदस्यों के साथ कमरों में छह अन्य सदस्य रुके थे। इन सभी को आयोजन समिति की ओर से वहीं रोक लिया गया है। टीम के सदस्यों के दोबारा से कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उन्हें फ्लाइट से वापस भारत भेज दिया जाएगा। जिन सदस्यों की दूसरी रिपोर्ट भी कोरोना संक्रमित पाई जाती है उन्हें वहीं रोक लिया जाएगा।
इस टूर्नामेंट में गौरव सोलंकी, दुर्योधन नेगी, शिवा थापा, निकहत जरीन, बृजेश यादव जैसे मुक्केबाज शामिल थे। खास बात यह है कि इन सभी की कोरोना संक्रमित रिपोर्ट टूर्नामेंट खत्म होने के बाद शनिवार को आई, जबकि रविवार को पूरी टीम को वापस लौटना था। पहले छह सदस्य संक्रमित बताए गए। इनमें एक पदक विजेता भी शामिल है।
इसके बाद दो और सदस्यों को संक्रमित बताकर उनके साथ कमरों में रुके छह अन्य सदस्यों को एकांतवास में भेज दिया गया। इसके बाद पूरे भारतीय दल में हड़कंप मच गया। मामले की सूचना भारतीय मुक्केबाजी संघ को भी दे दी गई है। संघ के हस्तक्षेप के बाद रविवार को संक्रमित पाए गए सदस्यों का फिर से सैंपल लिया, जिसकी रिपोर्ट खबर लिखे जाने तक आनी थी। मुक्केबाजी संघ के एक पदाधिकारी का कहना है कि संक्रमित पाए गए सदस्यों को वहीं रुकना होगा। निगेटिव आने पर ही वे वापस आएंगे।

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