क्या नॉटआउट थे सूर्यकुमार यादव
सॉफ्ट सिग्नल ने बढ़ाई थर्ड अम्पायर की मुश्किल
बिना पर्याप्त सबूत के नहीं बदल सकते थे फैसला
नई दिल्ली। इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टी-20 मैच में सूर्यकुमार यादव ने 57 रनों की बेहतरीन पारी खेली। हालांकि, उनकी पारी से ज्यादा चर्चा उनके आउट होने की रही। सैम करेन की गेंद पर डेविड मलान ने उनका कैच पकड़ा था। हालांकि, रिप्ले से लग रहा था कि कैच के वक्त गेंद संभवतः ग्राउंड से टच हो गई थी। फील्ड अंपायर ने आउट के सॉफ्ट सिग्नल के साथ डिसीजन को थर्ड अंपायर को रेफर किया था।
इस मैच के थर्ड अंपायर वीरेंद्र शर्मा ने कई बार अलग-अलग एंगल से रिप्ले देखा। उनका मानना था कि कैच ड्रॉप होने का कनक्लूसिव एविडेंस (पर्याप्त सबूत) नहीं हैं। लिहाजा उन्होंने आउट का फैसला बरकरार रखा।
क्या कहता है नियम
थर्ड अंपायर को संदेहास्पद कैच के फैसले रेफर करने के मामले में ICC का नियम कहता है कि ग्राउंड अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल को तभी पलटा जा सकता है जब रिप्ले से इसके लिए पर्याप्त सबूत मिले। यानी रिप्ले से साफ-साफ जाहिर हो कि ग्राउंड अंपायर को जो लग रहा है वह गलत है। यानी अगर ग्राउंड अंपायर ने आउट का सॉफ्ट सिग्नल दिया है तो टीवी अंपायर तभी नॉटआउट दे सकते हैं जब रिप्ले से स्पष्ट हो जाए कि बल्लेबाज नॉटआउट ही है। सूर्यकुमार के मामले में यह स्पष्ट नहीं हो रहा था कि कैच ड्रॉप हुआ या नहीं।
क्लीन कैच का क्या नियम है
अगर कोई फील्डर लो कैच (जमीन के करीब का कैच) लेता है तो उसकी अंगुलियां बॉल के नीचे होनी चाहिए। अगर किसी मामले में फील्डर की दो अंगुली बॉल के नीचे है और बॉल ग्राउंड में लग भी रही है तो भी कैच क्लीन माना जाएगा और बल्लेबाज आउट होगा। सूर्यकुमार के मामले में गेंद जमीन पर लगती दिख रही थी लेकिन यह साफ नहीं हो रहा था कि फील्डर की अंगुली बॉल के नीचे है या नहीं। चूंकि ग्राउंड अंपायर ने आउट दिया तो स्पष्ट सबूत के अभाव में थर्ड अंपायर को यह फैसला बरकरार रखना पड़ा।
मैच में तीन बार सॉफ्ट सिग्नल, मीडिया पर आलोचना
सूर्यकुमार को आउट दिए जाने के फैसले की सोशल मीडिया पर काफी तीखी आलोचना हुई। एक्सपर्ट और फैंस ने सॉफ्ट सिग्नल पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बाउंड्री लाइन पर फील्डर ने लो-कैच लिया या नहीं यह पिच के पास मौजूद अंपायर कैसे देख सकता है। अगर वह साफ-साफ देख सकता है तो फिर थर्ड अंपायर को डिसीजन रेफर ही क्यों करना। पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा, वीवीएस लक्ष्मण, वसीम जाफर सहित कई दिग्गजों ने ऐसे मामलों में सॉफ्ट सिग्नल को खत्म किए जाने की मांग की। मैच में कुल तीन बार सॉफ्ट सिग्नल की नौबत आई। तीनों बार सॉफ्ट सिग्नल आउट का ही था।