संदीप सिंह मान ने एशियन ट्रायल में नरसिंह यादव और अमित धनखड़ को हराया

पहले पटखनी दी फिर पैर छूकर आशीर्वाद लिया
13 साल की उम्र से बना रखा है ओलम्पिक मेडल का लक्ष्य
नई दिल्ली।
भारतीय पहलवान दांव-पेंच और प्रोफेशनलिज्म के मामले में काफी आधुनिक हैं और दुनिया के दिग्गज पहलवानों को चुनौती देते हैं। इसके बावजूद देश की कुश्ती में आज भी भारत की संस्कृति और संस्कारों का पालन किया जाता है। इसका एक नजारा मंगलवार को एशियन चैम्पियनशिप के लिए हुए ट्रायल में दिखा।
74 किलोग्राम वेट कैटेगरी में 23 साल के युवा पहलवान संदीप सिंह मान ने सेमीफाइनल में रियो ओलम्पिक का कोटा हासिल करने वाले दिग्गज नरसिंह यादव को हराया। इसके बाद फाइनल में अमित धनखड़ को मात दी। सेमीफाइनल में संदीप ने नरसिंह को हरा जरूर दिया, लेकिन मुकाबले के तुरंत बाद उन्होंने नरसिंह के पैर छुए और एशियन इवेंट में अच्छे प्रदर्शन के लिए आशीर्वाद लिया।
दो बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार भी इसी वेट कैटेगरी के पहलवान हैं। हालांकि, उन्होंने मुकाबले से एक दिन पहले नाम वापस ले लिया था। माना जा रहा था कि इससे नरसिंह और अमित की राह आसान होगी, लेकिन पंजाब के युवा पहलवान ने सबको पटखनी देते हुए एशियन इवेंट का टिकट कटा लिया।
संदीप के कोच सुखमिंदर सिंह ने बताया कि 13 साल की उम्र से ही संदीप का लक्ष्य ओलिंपिक में मेडल जीतना रहा है। उन्होंने कहा, ‘संदीप को उसके चाचा मेरे पास लेकर आए थे। जब मैंने संदीप से पूछा कि कुश्ती क्यों करना चाहते हो, तो उसका जवाब था कि ओलिंपिक में मेडल जीतना है। फिर मैंने भी ठान लिया कि इस बच्चे को ओलिंपिक के स्तर के लिए तैयार करना है। हालांकि कुश्ती में UP और हरियाणा के पहलवानों का दबदबा रहता है। ऐसे में हमें काफी चुनौती का भी सामना करना पड़ा। संदीप ने कड़ी मेहनत की है और आने वाले समय में इस वेट कैटेगरी में सुशील के बाद ओलिंपिक मेडल जीतने वाले पहलवान बनेंगे। पूरी उम्मीद है कि वे एशियन क्वालिफायर में टोक्यो के लिए कोटा हासिल करेंगे।'
संदीप ने बताया कि 74 किलो वेट में काफी फाइट रहती है। उन्होंने कहा, ‘मुझे पता था कि इस वेट कैटेगरी में ओलिंपिक मेडल जीत चुके और ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाई कर चुके पहलवान शामिल हैं। ऐसे में इनको बिना हराए मैं आगे नहीं बढ़ सकता हूं। इसलिए मैंने काफी कड़ी मेहनत की। मैंने सभी सीनियर पहलवानों की पुराने मैचों की वीडियो देखी। उनके मजबूत और कमजोर पक्ष को जाना। उनके अनुसार रणनीति बनाई और अपनी कमियों को दूर किया। मैं ट्रायल में एक ही लक्ष्य लेकर आया था, कि मुझे नंबर एक पर रहना है। ऐसे में कोई भी पहलवान हो मुझे उससे जीतना ही है।'
नेशनल चैम्पियनशिप में जीतने से मानसिक मजबूती मिली
संदीप ने बताया कि कुछ दिन पहले नेशनल चैम्पियनशिप में मैंने फाइनल में जितेंद्र सिंह को हराया था। वहीं दूसरे राउंड में अमित धनखड़ को हराया था। ऐसे में ट्रायल से पहले मैं मानसिक रूप से मजबूत था। चूंकि मैं इन खिलाड़ियों को हरा चुका था, ऐसे में मुझे लग रहा था, कि जब इन्हें एक बार हरा चुका हूं, तो इन्हें दोबारा भी हरा सकता हूं। वहीं मैं नरसिंह यादव से नहीं खेला था, लेकिन मैंने इनके वीडियो देखे और अपनी ट्रेनिंग की।’

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