खेलों में वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग करें खिलाड़ीः टिम्मा

रस्साकसी चैम्पियनशिप में रही केरल की बादशाहत

खेलपथ संवाददाता

कानपुर। 33वीं राष्ट्रीय रस्साकसी चैम्पियनशिप का आयोजन 10 से 15 मार्च तक गोवर्धन स्टेडियम आगरा कैंट में किया गया। प्रतियोगिता का शुभारम्भ मुख्य अतिथि मदन मोहन महासचिव एशियाई टग ऑफ वॉर फेडरेशन एवं विशेष अतिथि रविन्द्र पाल सिंह टिम्मा एवं महासचिव माधवी पाटिल के करकमलों से किया गया। प्रतियोगिता लीग कम नॉक आउट आधार पर खेली गई। 640 किलोग्राम भारवर्ग के पुरुष वर्ग में केरल ने हरियाणा को 3-0 से पराजित कर ट्राफी पर कब्जा जमाया।

रविन्द्र पाल सिंह टिम्मा ने खिलाड़ियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश आज वैज्ञानिक क्रांति की तरफ बढ़ रहा है लिहाजा हमारे खिलाड़ियों को भी खेलों के अभ्यास में वैज्ञानिक तकनीक को अपनाना चाहिए। मुख्य अतिथि ने कहा कि रस्साकसी खेल भारत वर्ष का सबसे प्राचीन खेल है इसमें ताकत से ज्यादा तकनीक और यूनिटी काम करती है जोकि जीतने में सहायक होती है।  भारत के युवाओं को इस खेल से प्रेरणा लेनी चाहिए। खिलाड़ियों को देश की ताकत एवं अखण्डता के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने खेलो इंडिया, एक भारत श्रेष्ठ भारत जैसी खेल योजनाओ के प्रोत्साहन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की।

प्रतियोगिता के 640 किलोग्राम भारवर्ग के पुरुष वर्ग में फाइनल में केरल ने हरियाणा को 3-0 से पराजित कर ट्राफी पर कब्जा जमाया। तीसरा स्थान पंजाब को मिला। 500 किलोग्राम महिला वर्ग में केरल ने हरियाणा को 3-0 हराकर विजेता ट्राफी जीती। तीसरा स्थान जम्मू कश्मीर को मिला। पुरुष एवं महिना मिक्स मुकाबले में केरल ने पंजाब को पराजित कर खिताब पर कब्जा जमाया। चण्डीगढ़ को तीसरा स्थान मिला। खिताबी मुकाबलों में अर्जुन सिंह, राधे, गौरव दीक्षित, ज्योति शुक्ला, राजेश कुमार, गौरव सोनी, गौरव ठाकुर इत्यादि ने निर्णायक की भूमिका का निर्वहन किया।

कानपुर से राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों में (सीनियर बालक वर्ग) दुर्गेश्वर श्रीवास्तव, जीशान सिद्दीकी, सीनियर बालिका वर्ग में श्रद्धा सोनकर, अर्चिता, स्नेह यादव, अदिति दुबे, जूनियर बालक वर्ग में विराट सिंह, उत्सव सैनी शामिल होंगे। यह जानकारी कानपुर रस्साकस्सी संघ के अध्यक्ष राजीव सिंह ने दी है।

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