एशियाई खेलों में तीन गोल्ड जीतने वाली एथलीट डोपिंग में फंसी

बीते माह लिया गया था सैम्पल, ओलम्पिक चौकड़ी पर संशय
एथलीट पर नहीं लगा है अस्थाई प्रतिबंध
एक बार फिर फूड सप्लीमेंट में मिलावट का विवाद खड़ा होने जा रहा है
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
टोक्यो ओलम्पिक से पहले एथलेटिक टीम को बड़ा झटका लगा है। इंचियोन और जकार्ता एशियाई खेलों में तीन स्वर्ण पदक जीतने वाली और 400 मीटर की एशियाई चैम्पियन एथलीट डोपिंग में फंस गई है। अर्जुन अवार्डी और रियो ओलम्पिक में खेलने वाली इस एथलीट के डोप में फंसने से चार गुणा चार सौ मीटर रिले टीम के ओलम्पिक में खेलने पर सवालिया निशान लग गए हैं। 
एथलीट का सैम्पल नाडा ने 18 फरवरी को पटियाला में हुई इंडियन ग्रांप्री में लिया था। उनके सैम्पल में स्टीमुलेंट मिथाइल हेक्सानेमाइन (एमएचए) पाया गया है। पहले ग्रांप्री में एथलीट ने स्वर्ण जीता था। इसके बाद हुई दो अन्य ग्रांप्री में भी एथलीट ने स्वर्ण पदक जीते। उन्हें टोक्यो ओलम्पिक में खेलने की दावेदार रिले टीम की प्रमुख सदस्य माना जा रहा था। हालांकि उनके सैम्पल में पाया गया स्टीमुलेंड एमएचए वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) की प्रतिबंधित दवाओं की स्पेसीफाइड सूची में शामिल है, जिसके चलते उन पर नाडा अस्थाई प्रतिबंध नहीं लगा सकती है, लेकिन एथलीट अपनी मर्जी से खुद अस्थाई प्रतिबंध ले सकती है। हालांकि 15 मार्च से होने जा रहे फेडरेशन कप में इस एथलीट ने अपनी एंट्री दी है।
एथलीट का सैम्पल बेल्जियम की लैब में टेस्ट किया गया है। उनका दूसरे इंडियन ग्रांप्री में भी सैम्पल लिया गया है। एथलीट खेलती रहेगी लेकिन उन्हें नाडा डिसिपलिनरी पैनल के समक्ष सुनवाई के दौरान अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी वरना उस पर दो से चार साल का प्रतिबंध लग सकता है। एथलीट का अब तक बी सैम्पल टेस्ट नहीं हुआ है। एथलीट के सैम्पल में एमएचए पाया गया है। यह वही एमएचए है जिसने लंदन ओलम्पिक से पहले भारतीय खेल जगत में तूफान ला दिया था। उस दौरान 11 खिलाड़ी डोप में फंसे थे। ज्यादातर ने एमएचए युक्त फूड सप्लीमेंट खाने की बात कही थी। हालांकि ज्यादातर पर नाडा पैनल ने दो साल का प्रतिबंध लगाया। इसके बाद दो से तीन साल तक एमएचए के केस बड़ी संख्या में सामने आए, लेकिन पिछले पांच सालों से यह सिलसिला थम गया था। एमएचए का मामला सामने आने पर एक बार फिर फूड सप्लीमेंट में मिलावट का विवाद खड़ा होने जा रहा है।

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