चार माह से वेतन को मोहताज हैं ब्लाक युवा समन्वयक

मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, खेल मंत्री, खेल सचिव, संचालक खेल को लिखा पत्र

मध्य प्रदेश के लगभग 15 जिलों के ब्लाक युवा समन्वयक आर्थिक रूप से परेशान

खेलपथ प्रतिनिधि

ग्वालियर। खेलों के विकास का दम्भ भरते मध्य प्रदेश के 10 से 15 जिलों के ब्लाक युवा समन्वयकों को नवम्बर 2020 से वेतन न मिलने से वे आर्थिक परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं। इन ब्लाक युवा समन्वयकों ने अपने-अपने जिले के खेल एवं युवा कल्याण अधिकारियों को भी अपनी परेशानी से अवगत कराया है लेकिन कोई समाधान न निकलने पर मध्य प्रदेश ब्लाक युवा समन्वयक एवं कर्मचारी संघ द्वारा मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, खेल मंत्री, खेल सचिव तथा संचालक खेल से चार माह के लम्बित वेतन भुगतान की मांग की गई है।

पत्र में वेतन दिलाने के साथ ही ब्लाक युवा समन्वयकों ने पांच जून, 2018 की संविदा नीति के तहत अन्य मांगों का समाधान करने का भी आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के 10 से 15 जिलों में ब्लाक युवा समन्वयकों को चार माह से वेतन नहीं मिला है। इन जिलों में बड़वानी, भिण्ड, जबलपुर, अलीराजपुर, डिंडौरी, खरगोन, छिंदवाड़ा, धार, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, बालाघाट, मंडला, कटनी, उमरिया, अनूपपुर, झाबुआ शामिल हैं। पत्र में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के लगभग 35 जिलों में कार्यरत ब्लाक युवा समन्वयकों को वेतन प्रदान कर दिया गया है लेकिन हम लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

पत्र में इन ब्लाक युवा समन्वयकों ने आग्रह किया है कि हम लोगों के वेतन मद को आदिवासी मद से हटाकर किसी अन्य मद में बदलकर लम्बित वेतन मानदेय सहित प्रदान किया जाए वरना हमारा मनोबल टूट जाएगा। इस पत्र में ईपीएफ का भी जिक्र किया गया है। ज्ञातव्य है कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग में पदस्थ समस्त जिलों एवं विकास खण्डों के संविदा कर्मचारियों को ईपीएफ का भुगतान 2012 से किया जाना था किन्तु ईपीएफ कार्यालय भोपाल (भविष्य निधि विभाग) के निर्देशों के बावजूद लगभग 540 संविदा खेल कर्मचारियों की आठ वर्षों से काटी गई ईपीएफ राशि का भुगतान उनके खातों में नहीं किया गया है। दुखद बात है कि इन कर्मचारियों के अभी तक खाते भी नहीं खोले गए हैं।

सामान्य प्रशासन विभाग की पांच जून की नीत अनुसार सभी संविदा कर्मचारियों को पांच जून, 2018 से 90 फीसदी वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाना था किन्तु खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा 27 जून, 2020 से मानदेय वृद्धि का लाभ दिया गया। कर्मचारियों ने लगभग दो वर्ष के एरियर की भी मांग की है। पत्र में कर्मचारियों ने लिखा है कि खेल विभाग के समस्त कर्मचारियों को नवीन संविदा नीति पांच जून, 2018 अनुसार एवं 2018 के पूर्व भी हर साल अप्रैल माह में दिए जाने वाली महंगाई मूल्य सूचकांक दर मानदेय वृद्धि विभाग द्वारा तीन-चार साल से नहीं की गई जो सामान्य प्रशासन विभाग नवीन संविदा नीति पांच जून, 2018 बिन्दु क्रमांक 1.14.2 का साफ-साफ उल्लंघन है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग में महिलाओं को छह माह का मातृत्व अवकाश एवं दो वर्ष का चाइल्ड लीव स्वीकृत है। पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों में यह सुविधा महिलाओं को मिल रही है लेकिन खेल विभाग में कार्यरत नियमित व संविदा महिला खेल कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश से वंचित रखा जा रहा है। उम्मीद है कि इस पत्र पर मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए खेल एवं युवा कल्याण विभाग शीघ्र से शीघ्र उचित निर्णय जरूर लेगा।  

 

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