एनडीटीएल पर वाडा के रवैये से खुश नहीं है खेल मंत्रालय

लैब पर फैसला नहीं लेने पर वाडा को नहीं दिए 7.30 करोड़
नई दिल्ली।
नेशनल डोप टेस्ट लैबोरेटरी (एनडीटीएल) पर वाडा के रवैये से खेल मंत्रालय खुश नहीं है। इसके चलते उसने अपनी घोषणा के बावजूद वाडा को करीब 7.30 करोड़ रुपये (एक मिलियन अमेरिकी डॉलर) जारी नहीं किए हैं। वह यह राशि वाडा को देगा, लेकिन उससे पहले एनडीटीएल पर उसके द्वारा उठाए गए कदम को जानना चाहता है।
मंत्रालय की नाराजगी का कारण यह है कि वाडा के कहने के अनुसार उसने लैब में सुधार के कदम उठाए हैं। बावजूद इसके न तो वाडा ने लैब के दौरे का आश्वासन दिया है और न ही अगले कदम के बारे में बताया है। खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने खेलों में डोपिंग के जरिए होने वाली धोखाधड़ी रोकने के लिए वाडा को अत्याधुनिक शोध के लिए 7.30 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी।
वित्त मंत्रालय ने भी राशि को मंजूरी दे दी, जिसे संशोधित बजट में जगह भी मिली, लेकिन उसने इस राशि को तत्काल जारी नहीं किया। मंत्रालय को लग रहा था कि इतनी बड़ी राशि देने की घोषणा के बाद वाडा एनड़ीटीएल पर कोई फैसला लेगा, लेकिन हुआ कुछ नहीं। तो उसने राशि रोक दी। हालांकि 31 मार्च से पहले मंत्रालय को यह राशि वाडा को देनी होगी, नहीं तो यह वापस वित्त मंत्रालय को चली जाएगी।
कुछ दिन पूर्व खेल मंत्री ने वाडा को पत्र लिखकर लैब से प्रतिबंध हटाने को कहा है। दरअसल 21 जुलाई 2020 को लैब पर छह माह का और प्रतिबंध लगाने के दौरान वाडा ने छानबीन में आईआरएमएस और अन्य संबंधित नौ खामियां फिर से गिनाईं। इनमें से पांच को लैब ने दूर कर दिया। इसे वाडा ने भी स्वीकार किया। लेकिन बाकी चार खामियों पर वाडा ने जवाब नहीं दिया। हाल ही में लैब ने इन चारों खामियों को दूर करने का दावा कर वाडा टीम को आमंत्रित किया, लेकिन उनकी ओर से जवाब नहीं आया। लैब पर 21 जनवरी को छह माह का प्रतिबंध भी पूरा हो चुका है।

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