महिलाओं की आत्मनिर्भरता में ही समाज और राष्ट्र का भलाः डॉ. अशोक कुमार लेंका
महिला सशक्तीकरण की दिशा में हवरंग एकेडमी की सराहनीय पहल
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली। लैंगिक समानता न सिर्फ एक बुनियादी मानव अधिकार है बल्कि एक शांतिपूर्ण और टिकाऊ राष्ट्र के लिए आवश्यक बुनियाद भी है। महिलाओं को मुख्यधारा से बाहर रखने का मतलब दुनिया की आधी आबादी को समाज और अर्थव्यवस्था निर्माण में भागीदारी के अवसर से वंचित रखना है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में हवरंग एकेडमी के प्रयासों की जितनी सराहना की जाए वह कम है। हवरंग एकेडमी इंडिया ने चारम्पा महाविद्यालय भद्रक में अनूठे रूप से तैयार किए गए आरएडी (रेप अग्रेसिस डिफेंस) कार्यक्रम को प्रस्तुत और निष्पादित किया गया।
हवरंग एकेडमी के संस्थापक डॉ. अशोक कुमार लेंका और सह-संस्थापक संजीवनी सुधा लेंका ने महिला सशक्तीकरण के लिए कॉलेज के साथ अपने एमओयू के एक भाग के रूप में महाविद्यालय की बालिकाओं और कर्मचारियों के लिए कार्यशाला ली। हवरंग एकेडमी डॉ. अशोक लेंका ने 35 वर्षों के अनूठे अनुभव का सुफल है। कार्यशाला में महिलाओं को व्यक्तिगत सुरक्षा के साथ ही हर मुसीबत से निपटने के तौर-तरीके बताए गए। इस अवसर पर डॉ. लेंका ने कहा कि हम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर ही समाज और राष्ट्र का भला कर सकते हैं। हवरंग एकेडमी का उद्देश्य महिला सुरक्षा को प्रमुखता देना है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य ब्रजकिशोर बाल, संजुक्ता बोस, कल्पना लेंका एचओडी डिपार्टमेंट ऑफ़ साइकोलॉजी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं तथा चारम्पा महाविद्यालय भद्रक ओडिशा के कर्मचारी भी उपस्थित थे।