परम्परागत खेलों को भी क्रिकेट जितना मिले महत्व

खो-खो के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन
फरीदाबाद।
केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमें देश के परम्परागत खेलों को भी उतना ही महत्व देना चाहिए, जितना हम क्रिकेट को देते हैं। मानव रचना शिक्षण संस्थान में अल्टीमेट खो-खो के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करने आए किरेन रिजिजू ने जापान के राष्ट्रीय खेल सूमो का उदाहरण देते हुए बताया कि आज इस खेल को विश्व भर में इसलिए जाना जाता है कि जापान ने इसे खूब महत्व दिया। 
खेल मंत्री ने कहा कि जिस तरह कबड्डी विश्वभर में लोकप्रिय हो रहा है और इस खेल की प्रो.लीग भी आयोजित होती है, उसी तरह से उम्मीद है कि खो-खो भी एक दिन विश्व भर में लोकप्रिय होगा, इसके लिए कारपोरेट घरानों को आगे आना चाहिए। राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन समारोह में खो-खो महासंघ के महासचिव सुधांशु मित्तल, मानव रचना शिक्षण संस्था के उपाध्यक्ष अमित भल्ला, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज सुरेश रैना, पहलवान सुशील कुमार, तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी भी उपस्थित रहे। किरेन रिजिजू ने कहा कि ओलम्पिक खेलों में 125 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले भारत को ज्यादा पदक न मिलना निराशाजनक है।
केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने मानव रचना में 25 मीटर और 50 मीटर शूटिंग रेंज का उद्घाटन किया। यह शूटिंग रेंज इसलिए भी खास है क्योंकि दिल्ली एनसीआर में इस तरह का पहला शूटिंग रेंज अब मानव रचना शिक्षण संस्थान में देखने को मिलेगा। इस शूटिंग रेंज की खास बात यह है कि यह रेंज इलेक्ट्रॉनिक और मैनुअल दोनों तरह से बनाया गया है, जिसमें 10 लेन हैं। इलेक्ट्रॉनिक टारगेट और 0.22 हथियारों से लैस यह रेंज सभी के लिए खुला है।

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