वाशिंगटन सुंदर ने ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू करते हुए 110 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा
सातवें नम्बर पर बल्लेबाजी कर सबसे ज्यादा रन बनाए
38 साल के बाद एक पारी में 7वें और 8वें नंबर के बल्लेबाज ने लगाई फिफ्टी
ब्रिसबेन। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथे और निर्णायक मुकाबले में वॉशिंगटन सुंदर ने 110 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। मैच के दौरान नस्लीय टिप्पणी झेलने वाले सुंदर ने शानदार 62 रन बनाकर ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों को मुंहतोड़ जवाब दिया।
इसी के साथ सुंदर ऑस्ट्रेलिया में 7वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले विदेशी बल्लेबाज बन गए। इससे पहले, 1911 में इंग्लैंड के फ्रैंक फोस्टर ने सिडनी में 56 रन बनाए थे। सुंदर भारत के तीसरे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने अपने डेब्यू मैच में इस नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए इतने रन बनाए हैं।
टेस्ट के पहले दिन दो भारतीय खिलाड़ियों पर अभद्र और नस्लीय टिप्पणी की गई थी। ऑस्ट्रेलिया के अखबार सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के मुताबिक, भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और वॉशिंगटन सुंदर को दर्शकों ने कीड़ा (ग्रब) कहा था। इससे पहले, सिडनी टेस्ट के तीसरे और चौथे दिन ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों ने सिराज को मंकी और डॉग कहा था।
मैच के तीसरे दिन एक वक्त टीम ने 186 रन पर 6 विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद वॉशिंगटन सुंदर ने शार्दूल ठाकुर के साथ मिलकर भारतीय पारी को संभाला और रिकॉर्ड साझेदारी कर डाली। दोनों ने 7वें विकेट के लिए 217 बॉल पर 123 रन की पार्टनरशिप की। इसकी बदौलत टीम इंडिया 336 का स्कोर खड़ा कर सकी। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने बिना किसी नुकसान के 21 रन बना लिए थे। पहली पारी की बढ़त मिलाकर ऑस्ट्रेलिया को 54 रन की लीड मिल चुकी है।
कपिल देव-मनोज प्रभाकर का रिकॉर्ड तोड़ा
दोनों ने कपिल देव और मनोज प्रभाकर के 30 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। कपिल-मनोज ने 1991 में 7वें विकेट के लिए 58 रन की पार्टनरशिप की थी। सुंदर और शार्दूल ने रविवार को 7वें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी कर इस रिकॉर्ड को तोड़ा।
डेब्यू मैच में 50+ रन और 3 विकेट लेने वाले तीसरे ऑलराउंडर
सुंदर डेब्यू टेस्ट में 50 से ज्यादा रन और 3 विकेट लेने वाले भारत के तीसरे ऑलराउंडर हैं। बल्लेबाजी में फिफ्टी लगाने के अलावा सुंदर ने पहली पारी में स्टीव स्मिथ, कैमरन ग्रीन और लायन नाथन का विकेट लिया। इससे पहले दत्तू फाडकर ने 1947/48 में डेब्यू टेस्ट में 51 रन बनाए थे और 3 विकेट लिए थे। वहीं, हनुमा विहारी ने 2018 में नाबाद 50 रन बनाने के साथ ही 3 विकेट लिए थे।
38 साल बाद भारत के 7वें और 8वें नंबर के बल्लेबाज ने टेस्ट की एक ही पारी में फिफ्टी लगाई। सुंदर (62) के अलावा शार्दूल ने 115 गेंदों पर 67 रन बनाए। इससे पहले 1982 में संदीप पाटिल (129* रन) और कपिल देव (65 रन) ने मैनचेस्टर में एक ही पारी में फिफ्टी लगाई थी।