कोरोना से खिलाड़ियों में अवसाद

लिफ्टरों को अवसाद से निकालेंगे मनोचिकित्सक
नई दिल्ली।
कोरोना के दौर में बंद पड़ी खेल गतिविधियों के चलते खिलाडिय़ों में अवसाद और तनाव के मामले सामने आने लगे हैं। यहां तक कम्पटीशन के अभाव में कई खिलाड़ियों के खेल छोड़ने की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं। हालात वहां और भी गंभीर हैं जहां परिवारों की आर्थिक हालत ठीक नहीं है।
खेल संघों को भी डर सताने लगा है कि खिलाड़ियों को अवसाद से निकालने के लिए उनमें किस तरह ऊर्जा का संचार किया जाए। भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ के संज्ञान में जब इस तरह के कुछ मामले सामने आए तो उसने मनोचिकित्सक की सेवाएं लेने का फैसला कर डाला। मनोचिकित्सक के जरिए लेकर देश भर के वेटलिफ्टरों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए वेटलिफ्टिंग संघ मनोचिकित्सक के ऑनलाइन सत्रों की श्रृंखला शुरू कर रहा है।
कोरोना के दौर में ज्यादातर खेल संघों का ध्यान सीनियर खिलाडियों की तैयारियों पर है लेकिन राज्य स्तरीय और जूनियर खिलाडिय़ों की ओर ध्यान कम जा रहा है। इसी स्तर पर अवसाद के मामले भी सामने आए हैं। संघ के महासचिव सहदेव यादव का कहना है यह बेहद चुनौतीपूर्ण है।
उन्होंने इसके लिए मनोचिकित्सक डॉ. अंजुमन बेंस की सेवाएं ली हैं। साथ देश भर में सभी वेटलिफ्टरों के लिए कोच और सपोर्ट स्टाफ को इनके सत्रों से जुड़ने के लिए कह दिया गया है। पहला सत्र 23 जनवरी को कराया जा रहा है। संघ ने सभी लिफ्टरों से रजिस्ट्रेशन कराने को कहा है जो अनिवार्य है।

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