बिना तालमेल की मोदी सरकार

खेल और रेल मंत्रालयों का अपनी ढपली, अपना राग
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वस्थ राष्ट्र का राग अलाप रहे हैं, योग में भारत को विश्व गुरु बनाने का सपना दिखा रहे हैं लेकिन उनकी ही सरकार के रेल और खेल मंत्रालयों में तालमेल न होने के चलते खिलाड़ियों के हक पर डाका डाला जा रहा है। खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं में सहभागिता करने के लिए रेलों के माध्यम से एक राज्य से दूसरे राज्यों को आना-जाना पड़ता है लेकिन रेल मंत्रालय ने खिलाड़ियों को मिलने वाली रियायत बंद कर दी और प्रधानमंत्री को इसकी भनक तक नहीं लगी।
खिलाड़ियों की रियायत बंद करने के पीछे रेल मंत्री कोरोना संक्रमणकाल में लोगों के कम से कम घर से बाहर जाने का तर्क दिया जा रहा है। इस अनिर्णय से देश के लाखों खिलाड़ियों के साथ ही खेल संगठनों के पदाधिकारी मुश्किल में आ गए हैं। इन मुश्किल हालातों को देखते हुए खेल मंत्री किरेन रिजिजू को रेल मंत्री को परवाना लिखना पड़ा है। अपने खत में खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने खिलाड़ियों के रेल किराए में बंद कर दी गई छूट को बहाल करने के लिए लिखा है। रिजिजू ने इस संबंध में रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा है कि खेलों और खिलाड़ियों के हित में राष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिए खिलाड़ियों को दी जाने वाली रेल किराए में छूट बहाल कर दी जानी चाहिए। यही नहीं खेल मंत्री ने खिलाडिय़ों को नहीं दी गई पुरस्कार राशि को भी जारी करने के निर्देश दिए हैं।
इन दोनों बातों का खुलासा खुद खेल मंत्री ने किया है। कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में 162 बिस्तरों के हॉस्टल का उद्घाटन करने के बाद खेल मंत्री ने बताया कि रेल मंत्री को उन्होंने खिलाड़ियों को रेल किराए में दी जाने वाली 75 प्रतिशत छूट बहाल करने को कहा है, उन्हें उम्मीद है इसकी बहाली जल्द हो जाएगी। वहीं खिलाड़ियों की लटकी पुरस्कार राशि पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई दिक्कत नहीं आएगी। जो भी खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि दी जानी है उसे मंत्रालय जल्द जारी कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने साल 2017 से खिलाड़ियों को तकरीबन 16 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि देनी है। रेल मंत्री को पत्र में रिजिजू ने लिखा है कि खेल मंत्रालय ने हाल ही में देश में खेल गतिविधियां शुरू कराने को मानक संचालन प्रक्रिया जारी कर दी है। अब खेल प्रतियोगिताएं और खिलाड़ियों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, ऐसे में रेल किराए में छूट नहीं होने के चलते खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अखिल भारतीय आयोजनों में भाग लेने में परेशानी आ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल खिलाड़ी हित में फैसला लेना चाहिए वरना स्वस्थ और मस्त राष्ट्र का सपना चूर-चूर हो जाएगा।

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