डोपिंग के नए नियमों ने खेलनहारों की उड़ाई नींद

चार लिफ्टर डोप में फंसे तो ओलम्पिक और राष्ट्रमंडल खेलों से छुट्टी
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के नए नियम ने भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ के साथ खेल मंत्रालय और साई की नींद उड़ा दी है। गोल्ड कोस्ट में हुए पिछले खेलों में पुरुष वर्ग में ओवरऑल ट्रॉफी भारत के नाम है। यह वर्चस्व तभी कायम रहेगा जब भारतीय लिफ्टर एक जनवरी 2021 से 14 फरवरी 2022 तक अपने को डोप में फंसने से बचा पाएंगे।
क्या कहता है नया नियम: अगर किसी देश का एक खिलाड़ी पॉजिटिव आता है तो उसके एक भार वर्ग, दो पॉजिटिव आने पर दो और तीन पर तीन भार वर्गों में खेलने पर रोक लगेगी। चार के फंसने पर अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग संघ का स्वतंत्र पैनल पूरी टीम के खेलने पर रोक लगा सकता है। बर्मिंघम में पुरुष और महिला वर्ग में आठ-आठ भार वर्ग रखे गए हैं। यही नहीं अगर टोक्यो ओलम्पिक से पहले तीन लिफ्टर पॉजिटिव आते हैं तो भी पूरी टीम खेलने से रोकी जाएगी।
संघ ने मांगा ह्वेयर अबाउट: वेटलिफ्टिंग संघ ने राष्ट्रीय शिविर से बाहर तैयारी कर रहे सभी लिफ्टरों के ह्वेयर अबाउट (खिलाड़ी का ठिकाना) मांग लिए हैं। संघ के महासचिव सहदेव यादव साफ करते हैं कि 11 जनवरी तक जो अपना ह्वेयर अबाउट देंगे वही इन खेलों के चयन के योग्य होंगे। नाडा से ह्वेयर अबाउट के जरिए उनकी टेस्टिंग कराई जाएगी। शिविर में महज आठ खिलाड़ी हैं। इनकी लगातार टेस्टिंग हो रही है। खतरा बाहर तैयारी करने वालों के डोप में फंसने का है।

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