भारतीय खिलाड़ियों ने देश को किया शर्मसार

डोपिंग मामले में अमेरिका और रूस से आगे निकले
35 एथलीटों, 32 वेटलिफ्टरों और 12 पहलवानों पर डोपिंग का डंक
क्रिकेटर इस मामले में पाक-साफ
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
विश्व स्तर की प्रतियोगिताओं में पिद्दी प्रदर्शन करने वाले भारतीय खिलाड़ी शक्तिवर्द्धक दवाएं लेने के मामले में दुनिया में शीर्ष पर पहुंच गए हैं। यह शर्म की बात है कि भारतीय खेल मंत्रालय खिलाड़ियों की खराब लत छुड़ाने में अब तक सफल नहीं हो सका है। खेल मंत्री किरेन रिजिजू 2028 ओलम्पिक में भारतीय खिलाड़ियों को जहां शीर्ष 10 देशों में शामिल होने का देशवासियों को सपना दिखा रहे हैं वहीं हमारे कपूत अपनी करतूतों से देश को लजा रहे हैं।
ओलम्पिक की पदक तालिका में भारतीय खिलाड़ी भले ही शीर्ष दस में नहीं आते लेकिन प्रतिबंधित दवाओं के सेवन में उन्होंने सारे कीर्तिमान ध्वस्त कर दिए हैं। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) के एंटी डोपिंग टेस्टिंग आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 के डोप पॉजिटिव मामलों में भारत पहली बार शीर्ष पर पहुंच गया है। नेशनल एंटी डोपिंग टेस्टिंग (नाडा) की टेस्टिंग में 225 भारतीय खिलाड़ी डोप में फंसे हैं। इस मामले में अमेरिका और रूस जैसे देशों को भी भारत ने पीछे छोड़ दिया है वहीं नाडा के पैनल की ओर से डोपिंग के लिए प्रतिबंधित खिलाड़ियों (एडीआरवी) में भी भारत साल 2018 में चौथे स्थान पर पहुंच गया है।
वाडा की रिपोर्ट के अनुसार नाडा ने 2019 में कुल 4004 सैम्पल लिए जिसमें 5.6 प्रतिशत खिलाड़ी डोप पॉजिटिव पाए गए हैं। नाडा ने कम्पटीशन के दौरान 1879 सैम्पल लिए जिसमें 148 और कम्पटीशन के बाहर 1971 सैम्पल लिए जिसमें 76 खिलाड़ी डोप में फंसे हैं। 218 ब्लड सैम्पल में एक खिलाड़ी डोप पॉजिटिव पाया गया है। सबसे ज्यादा एथलेटिक्स में 35, वेटलिफ्टिंग में 32 और कुश्ती में 12 खिलाड़ी डोप पॉजिटिव पाए गए।
एक वेटलिफ्टर ब्लड सैम्पल में पहली बार डोप में फंसा। 2019 में नाडा ने क्रिकेट में भी 22 मैचों के दौरान और 18 मैचों के बाहर सैम्पल लिए लेकिन इनमें कोई पॉजिटिव नहीं आया। ओलम्पिक के बाहर खेलों में बॉडीबिल्डिंग के 60, पॉवरलिफ्टिंग के 19 और पैरा पॉवरलिफ्टिंग के चार खिलाड़ी डोप में फंसे हैं। इससे पहले 2012 में नाडा की टेस्टिंग में सर्वाधिक 138 खिलाड़ी डोप में फंसे थे। तब उसने 4168 सैम्पल लिए थे। 2009 में नाडा की स्थापना के बाद से एक साल में डोप में फंसने वालों की यह सबसे बड़ी संख्या है।
वाडा की सूची में अमेरिका (195) दूसरे नम्बर पर है। रूस के 85 खिलाड़ी डोप में फंसे हैं। भारतीय खिलाड़ियों को शर्मनाक स्थिति का सामना अगले वर्ष भी उठाना पड़ सकता है। 225 डोप पॉजिटिव खिलाड़ियों की नाडा पैनल में सुनवाई के बाद जब उन पर आरोप सिद्ध होंगे तो इनकी एंटी डोपिंग रूल वॉएलेशन (एडीआरवी) केसों की संख्या कुछ कम हो जाएगी (सुनवाई के दौरान छूटने वाले खिलाड़ियों की संख्या कम होगी)। लेकिन यह लगभग तय है कि भारत अगले साल जारी होने वाली एडीआरवी की सूची में टॉप पर होगा। इससे पहले भारत 2013, 2014, 2015 में तीसरे 2016 में छठे और 2017 में सातवें स्थान पर था।

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