टेनिस में एक दशक से जोकोविच, फेडरर और नडाल का राज

39 में से 31 ग्रैंड स्लैम जीते
नोवाक छठे साल वर्ल्ड नंबर-एक रहकर बनाया रिकॉर्ड
नई दिल्ली। टेनिस के लिए 2011 से 2020 का दशक बेहद शानदार रहा। इस खेल को इस दशक में 3 ऑल टाइम ग्रेट प्लेयर्स मिले। अगर 2001-2010 का दशक स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और स्पेन के राफेल नडाल के टेनिस में दस्तक देने का रहा वहीं, ये दशक सर्बिया के नोवाक जोकोविच का रहा, जिन्होंने अपने गेम से इन तीनों को हमेशा याद रखे जाने लायक खिलाड़ी बनाया। जोकोविच, नडाल और फेडरर ने मिलकर इस दशक में 39 में से 31 ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किए। वर्ल्ड नंबर-1 सर्बिया के नोवाक जोकोविच 2020 का अंत पहली रैंक पर ही रहकर करेंगे। उन्होंने अमेरिका के पूर्व टेनिस प्लेयर पीट सैम्प्रास के 6 बार साल का अंत वर्ल्ड नंबर-1 रहकर करने के रिकॉर्ड की बराबर भी की।
टेनिस इतिहास में पहली बार कम खिलाड़ियों ने ग्रैंड स्लैम जीते
1920 के दशक से लेकर इस दशक तक पहली बार मेन्स टेनिस इतिहास में सबसे कम अलग-अलग खिलाड़ियों ने ग्रैंड स्लैम जीते। 39 ग्रैंड स्लैम को सिर्फ 7 अलग-अलग खिलाड़ियों ने ही जीते। इनमें सबसे ज्यादा जोकोविच, नडाल और फेडरर ने जीते। इसके बाद इंग्लैंड के एंडी मरे और स्विट्जरलैंड के स्टेन वावरिंका का नाम आता है।
दशक में ग्रैंड स्लैम जीतने वाले अलग-अलग खिलाड़ी
दशक पुरुष महिला
1921-30 11 9
1931-40 18 16
1941-50 15 9
1951-60 17 15
1961-70 13 11
1971-80 16 13
1981-90 12 7
1991-20 16 12
2001-10 15 12
2011-20 7 19
2011 में जोकोविच पहली बार नंबर-1 बने
2007 में 2 ATP मास्टर्स टाइटल जीतने के बाद जोकोविच वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-3 में पहुंच गए थे। 2008 में उन्होंने अपना पहला ग्रैंड स्लैम जीता। 2010 तक वे टॉप-3 में ही बने रहे। नडाल और फेडरर ने जोकोविच को पहले 2 स्थान पर भटकने तक नहीं दिया। किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि आने वाले दशक में टेनिस इतिहास की सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी।
2011 में जोकोविच पहली बार फेडरर को पीछे छोड़कर नंबर-1 की पोजिशन हासिल की। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 2020 में पूर्व टेनिस प्लेयर पीट सैम्प्रास के सबसे ज्यादा 6 बार साल का अंत नंबर-1 के रैंक पर खत्म करने के रिकॉर्ड की भी बराबरी की। पूर्व टेनिस प्लेयर और 1984-90 के बीच 8 ग्रैंड स्लैम जीतने वाले इवान लेंडल ने एक बार कहा था, 'मुझे अंकों से मतलब है। मेरे लिए जो सबसे ज्यादा ग्रैंड स्लैम जीतेगा, वह विश्व का सबसे बेहतरीन प्लेयर होगा।' हालांकि, 2011 से 2020 में सबसे बेहतरीन प्लेयर की रेस उस वक्त रोमांचक हो गई जब नडाल ने इस साल फ्रेंच ओपन जीता। यह उनका ओवरऑल 20वां ग्रैंड स्लैम टाइटल रहा। उन्होंने फेडरर के 20 ग्रैंड स्लैम के रिकॉर्ड की बराबरी की।
जोकोविच भी इससे ज्यादा पीछे नहीं हैं। जोकोविच ने अब तक कुल 17 में से 16 तो उन्होंने इस दशक में जीते। फेडरर और नडाल की तुलना में उनकी उम्र भी कम है। अगर इन तीनों के आपस में मुकाबले की बात की जाए, तो जोकोविच सबसे आगे हैं। जोकोविच ने नडाल के खिलाफ 56 मैच खेले। जिसमें से 29 में उन्हें जीत और 27 में हार मिली। वहीं, उन्होंने फेडरर के खिलाफ 50 मैच खेले। इसमें 27 मैच उन्होंने जीते और 23 मैच हारे।
वहीं, ग्रैंड स्लैम फाइनल में ये रिकॉर्ड नडाल के पक्ष में है। ग्रैंड स्लैम फाइनल में नडाल और फेडरर 40 बार आमने-सामने आ चुके हैं। इसमें से 24 बार नडाल ने जीत हासिल की और फेडरर को 16 फाइनल में जीत मिली। जबकि, जोकोविच और नडाल 9 बार ग्रैंड स्लैम फाइनल में आमने-सामने आ चुके हैं। जिसमें नडाल ने 5 और जोकोविच ने 4 फाइनल जीते।
नडाल को क्ले कोर्ट और जोकोविच को ग्रास कोर्ट पसंद
इन तीनों खिलाड़ियों ने अलग-अलग कोर्ट पर अपनी कामयाबी साबित की है। फेडरर को उनके सर्व और नेट गेम स्टैंड आउट के लिए जाना जाता है। उन्हें विम्बलडन की घास वाली कोर्ट पर खेलना बेहद पसंद है। वहीं, नडाल अपने फोरहैंड और कोर्ट कवरेज स्टैंड आउट के लिए जाने जाते हैं। क्ले कोर्ट उनकी फेवरेट है। इसलिए उन्हें लाल बजरी का बादशाह भी बोला जाता है। जबकि जोकोविच अपने रिटर्न शॉट और बैकहैंड स्टैंड आउट के लिए जाने जाते हैं। उन्हें ऑस्ट्रेलियन ओपन के हार्ड कोर्ट पर खेलना बेहद पसंद है।
2014 के यूएस ओपन विजेता मारिन सिलिच ने कहा था, 'इन तीन खिलाड़ियों ने साबित किया कि ये चैम्पियन क्यों हैं। चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, उनके गेम पर कोई फर्क नहीं पड़ता। वे ऑल टाइम चैम्पियन हैं।'
हालांकि इस दशक में कुछ और खिलाड़ियों ने भी अपनी छाप छोड़ी। इनमें एंडी मरे का नाम सबसे ऊपर आता है। उन्होंने 2012 में यूएस ओपन का खिताब अपने नाम किया। इस जीत के साथ वे पिछले 76 साल में ग्रैंड स्लैम जीतने वाले पहले ब्रिटिश खिलाड़ी बने। 2013 में उन्होंने विम्बलडन जीता और 77 साल में ये खिताब जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने। इसके अलावा स्टेन वावरिंका, मार्टिन डेल पोत्रो, टॉमस बर्डिच, डेविड फेरर और मारिन सिलिच ने भी अपने टैलेंट से सबको प्रभावित किया। लेकिन कोई भी इन तीनों से आगे नहीं बढ़ पाया।
हालांकि 2019 और 2020 में स्टेफनोस सितसिपास, डोमिनिक थिएम, डेनिल मेदवेदेव और एलेक्जेंडर ज्वेरेव ने जरूर चुनौती पेश की। डोमिनिक ने नडाल के खिलाफ 15 मैच खेले हैं। जिसमें 9 में नडाल और 6 में डोमिनिक को जीत मिली। वहीं, फेडरर के खिलाफ डोमिनिक ने 7 मैच खेले हैं। इसमें 5 में डोमिनिक और 2 में फेडरर ने जीत हासिल की। जोकोविच के खिलाफ डोमिनिक ने 12 मैच में 5 जीते हैं और 7 में हार मिली। मौजूदा वर्ल्ड नंबर-3 डोमिनिक ने इसी साल यूएस ओपन में अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था। फाइनल में उन्होंने ज्वेरेव को मात दी थी।
सेरेना विलियम्स ने महिला टेनिस में अपनी छाप छोड़ी
महिलाओं में यह दशक अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स के नाम रहा। उन्होंने इस दौरान 10 ग्रैंड स्लैम जीते। महिलाओं में उनका राज एकतरफा रहा, क्योंकि कोई अन्य महिला खिलाड़ी दशक में 3 से ज्यादा ग्रैंड स्लैम नहीं जीत पाई। इसके बाद एंजेलिक कर्बर और नाओमी ओसाका ने सबसे ज्यादा 3-3 ग्रैंड स्लैम जीते।
रूस की मारिया शारापोवा ने 2012 में फ्रेंच ओपन जीतकर करियर ग्रैंड स्लैम पूरे किए। ऐसा करने वाली वह 10वीं टेनिस प्लेयर रहीं। इसके बाद 2014 में उन्होंने दोबारा फ्रेंच ओपन खिताब जीता। हालांकि, 2016 में उनपर ड्रग्स लेने के आरोप में 15 महीने का बैन लगाया गया।
जापान की नाओमी ओसाका ने 2018 में यूएस ओपन जीतकर इतिहास रचा। वे यह ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली जापानी प्लेयर बनीं। इसके बाद उन्होंने 2019 में ऑस्ट्रेलियन ओपन और 2020 में यूएस ओपन अपने नाम किया। वे टेनिस वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर-1 पर पहुंचने वाली एशिया की पहली खिलाड़ी (महिला या पुरुष) हैं। इनके अलावा बेल्जियम की किम क्लिस्टर्स, चीन की लि ना, कैरोलीन वोज्नियाकी, बेलारुस की विक्टोरिया अजारेंका और चेक की पेट्रा क्वितोवा, सिमोना हालेप और एंजेलिक कर्बर ने भी महिला टेनिस को इस दशक में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
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