सुप्रीम कोर्ट की शरण में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ

कार्यकारी समिति के कार्यकाल में विस्तार की मांग
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करके अपनी मौजूदा कार्यकारी समिति को उसका कार्यकाल खत्म होने के बाद भी बरकरार रखने का आग्रह किया है क्योंकि न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासक चुनाव कराने के लिए अब तक नया संविधान तैयार नहीं कर पाए हैं।
प्रफुल्ल पटेल की अगुआई वाली मौजूदा कार्यकारी समिति का चार साल का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है और एआईएफएफ ने घोषणा की है कि उसकी वार्षिक आम बैठक 21 दिसम्बर को होगी। सामान्य हालात में चुनाव वार्षिक आम बैठक के दौरान होते। ऐसी स्थिति में पटेल खेल संहिता के तहत दोबारा चुनौती पेश करने के पात्र नहीं होते क्योंकि वह 2012 से एआईएफएफ अध्यक्ष हैं।
उच्चतम न्यायालय ने 2017 में आदेश जारी करके एसवाई कुरैशी और भास्कर गांगुली की मौजूदगी वाली प्रशासकों की समिति का गठन किया था जिससे कि खेल संहिता के अनुसार एआईएफएफ का संविधान तैयार किया जा सके। नया संविधान हालांकि अब तक तैयार नहीं हुआ है। इसीलिए एआईएफएफ उच्चतम न्यायालय की शरण में गया है।
एआईएफएफ महासचिव कुशाल दास द्वारा सभी मान्यता प्राप्त इकाइयों को लिखे पत्र के अनुसार, 'माननीय उच्चतम न्यायालय के 10 नवम्बर 2017 के आदेश के अनुसार संविधान तैयार नहीं होने के कारण एआईएफएफ चुनाव कराने की स्थिति में नहीं है जबकि 21 दिसम्बर, 2020 में कार्यकारी समिति का चार साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है।' उन्होंने कहा, 'इसलिए महासंघ ने 21 नवम्बर 2020 को माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।'

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