कोरोना को लेकर देने होंगे खिलाड़ी को सही जवाब

गलत जवाब पर लगेगा चार साल का प्रतिबंध 
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
नाडा की ओर से डोप टेस्टिंग शुरू करने के लिए तैयार की गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को स्वास्थ्य मंत्रालय ने आखिरकार मंजूरी दे दी है। नाडा ने इस एसओपी को साई के सभी सेंटरों में भेज दिया है। बावजूद इसके यह तय नहीं है कि नाडा कब से डोप टेस्टिंग शुरू करेगा। अब खिलाड़ियों ने शक्तिवर्धक दवाओं के सेवन और कोरोना को लेकर यदि गलत जवाब दिए तो उन पर चार साल का प्रतिबंध लगेगा।
एसओपी के मुताबिक नाडा साई सेंटरों में ट्रेनिंग करने वाले और घरों पर रह रहे खिलाड़ियों का आउट ऑफ कम्पटीशन सैंपल लेगी। यही नहीं घर पर सैंपल लेने के दौरान खिलाड़ियों से कोरोना को लेकर एक फॉर्म भरवाया जाएगा। इसमें गलत उत्तर पाए जाने पर खिलाड़ी पर चार साल तक प्रतिबंध लगाया  जा सकता है।
एसओपी को मंजूरी मिलने के बाद यह साफ हो गया है कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए नाडा पहले की तरह बड़े स्तर पर टेस्टिंग नहीं करेगा। इस बार सैंपलों की संख्या काफी कम रहेगी। टेस्टिंग नहीं शुरू करने की वजह यह भी है कि दोहा और बेल्जियम लैब में सैंपल भेजने की लागत काफी ज्यादा आती है। कम सैंपल होने के कारण यह और भी महंगा बैठेगा। यही वजह है कि नाडा टेस्टिंग शुरू करने की जल्दबाजी में नहीं है।
एसओपी के मुताबिक घर में सैंपल लेने के दौरान खिलाड़ी से कोरोना होने, लक्षण होने, कोरोना संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने, कोरोना के लक्षण वाले व्यक्ति के साथ रहने जैसे प्रश्न पूछे जाएंगे। इनमें हां में जवाब देने पर खिलाड़ी का सैंपल नहीं लिया जाएगा, लेकिन नाडा इसकी छानबीन करेगा। जवाब गलत पाए जाने पर खिलाड़ी को अधिकतम चार साल के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा। हालांकि एसओपी में घर पर सैंपल लेने के दौरान कई तरह हिदायतें दे रखी हैं, लेकिन सैंपल कहां लिया जाएगा इस पर स्पष्टता नहीं है। 

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