आर्थिक तंगहाली ने तोड़ी खेल मंत्रालय की कमर

दक्षिण एशियाई खेलों के 312 पदक विजेताओं को नहीं मिला कैश अवार्ड
खेल मंत्री ने बीते वर्ष की थी नकद राशि देने की घोषणा
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
खिलाड़ी ही नहीं कोरोना संक्रमण ने केन्द्रीय खेल मंत्रालय को भी आर्थिक रूप से कंगाल कर दिया है। खेल मंत्रालय की तंगहाली का आलम यह है कि वह 2019 में नेपाल में हुए 13वें दक्षिण एशियाई खेलों के 312 पदक विजेताओं को अभी तक कैश अवार्ड नहीं दे सका है। खिलाड़ी और खेल संगठन खेल मंत्रालय पर कैश अवार्ड देने को लगातार दबाव बना रहे हैं लेकिन विभाग के पास 312 पदक विजेताओं को तीन करोड़ 76 लाख 50 हजार की पुरस्कार राशि देने के लाले पड़े हुए हैं। 
बजट की समस्या से जूझ रहे खेल मंत्रालय ने पदक विजेताओं और उनके प्रशिक्षकों की पुरस्कार राशि लम्बे समय से रोक रखी है। बीते वर्ष नेपाल में आयोजित दक्षिण एशियाई खेलों में पदक जीतने वाले 312 पदक विजेताओं को उनका कैश अवार्ड खेल मंत्री किरेन रिजिजू की घोषणा के बावजूद नहीं दिया गया है। इन 312 पदक विजेताओं को खेल मंत्रालय द्वारा तीन करोड़ 76 लाख 50 हजार रुपये की पुरस्कार राशि देनी है। हाल यह है कि ज्यादातर राष्ट्रीय खेल संघों ने खेल मंत्रालय से गुहार लगाकर खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि देने को कहा है।
बीते वर्ष दिसम्बर माह में नेपाल से लौटने के बाद खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने दिल्ली में दक्षिण एशियाई खेलों के पदक विजेताओं का सम्मान समारोह किया था। इसी दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि स्वर्ण पदक विजेतओं को डेढ़ लाख, रजत विजेता एक लाख और कांस्य पदक विजेताओं को 50 हजार रुपये की पुरस्कार राशि खेल मंत्रालय की ओर से दी जाएगी। मंत्रालय की अवार्ड स्कीम में दक्षिण एशियाई खेलों के लिए जगह नहीं थी, लेकिन नेपाल से पहले गुवाहाटी में आयोजित इन खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को मंत्रालय ने तीन लाख स्वर्ण विजेता, दो लाख रजत विजेता तथा एक लाख रुपये कांस्य पदक विजेता को दी थी। 
खेल संघों और खिलाड़ियों को उम्मीद थी कि उन्हें मंत्रालय की ओर से पुरस्कार राशि मिल जाएगी, लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी मंत्रालय ने पुरस्कार राशि नहीं दी तो खेल संघों ने इस बारे में उसे लिखना शुरू कर दिया। हालांकि अब तक कई खेल संघों को मंत्रालय का कोई जवाब नहीं मिला है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि लॉकडाउन में पैसे की कमी से जूझ रहे कुछ खिलाड़ियों के माता-पिता ने खेल मंत्रालय पहुंच कर पुरस्कार राशि देनी की मांग उठाई है। खेल मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि वह इस मामले का पता लगाएंगे कि देरी क्यों हो रही है लेकिन कैश अवार्ड के कई मामले इस वजह से रुके हैं क्योंकि ऑनलाइन पैसा भेजने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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