अश्वेतों का जीवन भी मायने रखता है

ओलम्पिक में भी घुटने के बल बैठकर विरोध दर्ज कराते नजर आ सकते हैं एथलीट
टोक्यो।
विश्व एथलेटिक्स संस्था (आईएएएफ) के प्रमुख सेबेस्टियन को ने गुरूवार को टोक्यो के नए राष्ट्रीय स्टेडियम में फिर खिलाड़ियों के अगले साल स्थगित हुए ओलम्पिक में सामाजिक और नस्लीय न्याय की वकालत करने के अधिकार का समर्थन किया।
को ने ओलम्पिक चार्टर के नियम 50 के बिलकुल विरोध में बात की, जिसके अनुसार ओलम्पिक के किसी भी स्थल या अन्य क्षेत्रों में राजनीतिक, धार्मिक या नस्लीय प्रचार के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। को ने 'ब्लैक लाइव्स मैटर' (अश्वेतों का जीवन भी मायने रखता है), सामाजिक और नस्लीय न्याय संबंधित अभियान को अपना समर्थन दिया जो टोक्यो को मंच के तौर पर इस्तेमाल करने को प्रतिबद्ध हैं।'
वह अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के सदस्य और दो बार के ओलम्पिक चैम्पियन हैं। उन्होंने कहा, 'मैं काफी स्पष्ट रहा हूं कि अगर कोई एथलीट पोडियम पर घुटने के बल खड़े होना चाहता है तो मैं उसका पूरा समर्थक हूं।' उन्होंने कहा, 'एथलीट भी दुनिया का एक हिस्सा हैं और वे उस दुनिया को दिखाऩा चाहते हैं जिसमें वे रहते हैं। मेरे लिए, यह पूरी तरह से स्वीकार्य है, जब तक कि यह अन्य प्रतिस्पर्धियों के लिए पूरे सम्मान के साथ किया जा रहा है, जो मुझे लगता है कि ज्यादातर एथलीट अच्छी तरह समझते हैं।'

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