अब कोचिंग के लिए कोच को देना होगा फिटनेस टेस्ट

साई सेण्टरों में तैनात हैं 15 सौ से अधिक प्रशिक्षक
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीन आयु वर्गों में फिटनेस प्रोटोकॉल जारी किए जाने के बाद साई ने अनोखा फैसला लेते हुए अपने सभी प्रशिक्षकों के लिए फिटनेस टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। प्रशिक्षकों का यह फिटनेस टेस्ट 18 से 65 वर्ष की आयु के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार साल में दो बार मार्च और अक्बटूर माह में होगा। खास बात यह है कि प्रशिक्षकों की फिटनेस टेस्ट रिपोर्ट उनकी नौकरी के निजी रिकार्ड में दर्ज की जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर उनका भविष्य निर्धारित किया जाएगा। साई की ओर से यह आदेश निकाले जाने के बाद प्रशिक्षकों में हड़कंप मचा है।
खिलाड़ी की अच्छी ट्रेनिंग को कोच की फिटनेस जरूरी
साई की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि उसका काम विशेषज्ञ कोचेज की ओर से खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करना है। खिलाड़ी के अच्छे प्रशिक्षण के लिए कोच की अच्छी फिटनेस एक बड़ा पहलु है। कोचेज का एक निश्चित स्तर पर फिट रहना जरूरी है जिससे वे खिलाड़ी को भविष्य का रास्ता दिखा सकें। इसी को ध्यान में रखते हुए कोचेज का साल में दो बार फिजिकल एसेसमेंट टेस्ट (मार्च और अक्तूबर) में निर्धारित किया जाता है। उनके भविष्य के संदर्भ में लिए जाने वाले फैसलों के मद्देनजर रिपोर्ट उनके निजी रिकार्ड लगाई जाएगी।
अनफिट प्रशिक्षकों के लिए खड़ी होंगी दिक्कतें
साई में इस वक्त देश भर में 15 सौ से अधिक कोच तैनात हैं, जो या तो साई सेंटरों में प्रशिक्षण दे रहे हैं या फिर भारतीय टीमों के साथ जुड़े हैं। ऐसे में उन कोचेज के लिए दिक्कतें खड़ी होनी वाली हैं जो या तो अनफिट हैं या फिर बीमार रहते हैं। 18 से 65 वर्ष के फिटनेस प्रोटोकॉल के तहत पुशअप, दो किलोमीटर पदचालन, नौकासन, वृक्षासन, कटिचक्रासन, उष्ट्रासन, सूर्य नमस्कार, अनुलोम-विलोम, मकरासन, शशांकासन आदि अनिवार्य हैं।

रिलेटेड पोस्ट्स