18 मार्च के बाद से किसी खिलाड़ी का नहीं हुआ डोप टेस्ट

स्वास्थ्य मंत्रालय से एसओपी के इंतजार में नाडा
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
टोक्यो ओलम्पिक की तैयारियों के कैम्प शुरू हो चुके हैं और अगले माह से विदेशी टूर्नामेंटों के लिए भारतीय खिलाड़ी खेलने के लिए भी रवाना हो रहे हैं। बावजूद इसके नाडा की ओर से अब तक डोप सैम्पलिंग शुरू नहीं की गई है। इसका बड़ा कारण सैम्पलिंग के लिए नाडा की ओर से तैयार मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को मंजूरी नहीं मिलना है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने नाडा की एसओपी को अब तक हरी झंडी नहीं प्रदान की है, जिसके चलते नाडा ने डोप सैम्पलिंग नहीं शुरू की है।
सूत्र बताते हैं कि नाडा को एसओपी भेजे हुए एक माह का समय हो गया है, लेकिन अब तक इसे मंजूरी नहीं मिली है। जब तक एसओपी को स्वास्थ्य मंत्रालय की मंजूरी नहीं मिलती है तब कोरोना के दौर में सैम्पलिंग शुरू नहीं की जा सकती है। इस वक्त ओलम्पिक की तैयारियों के कैम्प एनआईएस पटियाला, बेंगलूरू, सोनीपत में चल रहे हैं। इन कैम्पों में ओलम्पिक खेलने के दावेदार तैयारियो में जुटे हैं। नाडा के एजेंडे में इन खिलाड़ियों की सैम्पलिंग सबसे ऊपर थी, लेकिन कोरोना के चलते 18 मार्च के बाद से नाडा ने किसी भी खिलाड़ी का डोप सैम्पल नहीं लिया है। 
सूत्र बताते हैं कि नाडा अक्बटूर माह में हर हाल में सैम्पलिंग को शुरू करना चाहती है। खासतौर पर इन तीनों सेंटरों के अलावा रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल में शामिल खिलाड़ियों की सैम्पलिंग उनके घर जाकर करना नाडा के एजेंडे में प्रमुख है।
सूत्रों के मुताबिक नाडा ने वाडा के नए कोड के हिसाब से एसओपी तैयार की है। उसने प्रस्तावित किया है कि सैम्पल लेने वाले डोप कंट्रोल ऑफिसर को एनआईएस या अन्य साई सेंटर में जाने के लिए एकांतवास में जाने की जरूरत नहीं होगी। स्थानीय डीसीओ से सैम्पल दिलाने की कोशिश की जाएगी। साथ ही डीसीओ को अपने साथ नेगेटिव कोविड रिपोर्ट रखनी होगी। जो खिलाड़ी के पूछने पर उसे दिखानी होगी। सैम्पल लेने के दौरान दूरी का खास ख्याल रखा जाएगा।

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