खेल संगठनों की मान्यता का रास्ता साफ

खेल संगठनों को मान्यता देने से पहले दिल्ली हाईकोर्ट की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं : सुप्रीमकोर्ट

नयी दिल्ली। केन्द्र और भारतीय ओलंपिक संघ को बृहस्पतिवार को उस समय बड़ी राहत मिली जब सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि देश में विभिन्न खेल महासंघों को मान्यता देने से पहले उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से अनुमति देने की जरूरत नहीं है। जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड, जस्टिस इन्दु मल्होत्रा और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ खेल मंत्रालय की अपील पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने उसकी सहमति के बगैर राष्ट्रीय खेल महासंघों को मान्यता देने पर पाबंदी लगा दी थी।

केन्द्र के वकील ने पीठ से कहा कि देश में अनेक महासंघ हैं और अगर किसी भी महासंघ को मान्यता देने से पहले हाईकोर्ट की अनुमति लेनी होगी तो यह प्रक्रिया ही ठहर जायेगी। सरकार का यह भी तर्क था कि मान्यता देने का मामला पूरी तरह से कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है और हाईकोर्ट को इसमें दखल नहीं देना चाहिए था।

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