हरफनमौला संतोष त्यागी कानपुर को खेलों में दे रहीं पहचान

राष्ट्रीय मुक्केबाजी में जीत चुकी हैं कई पदक

मनीषा शुक्ला

कानपुर। उत्तर प्रदेश में खेलों की जब भी बात होती है, कानपुर का नाम इज्जत से लिया जाता है। इसकी मुख्य वजह यहां की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय पहचान देने वाली संतोष त्यागी जैसी महिला शारीरिक शिक्षकों की लगन और मेहनत है। 1993 से 2005 तक अपने अध्ययन के दौरान संतोष त्यागी ने जहां विभिन्न खेलों में अपने शानदार खेल कौशल से कानपुर का नाम रोशन किया वहीं अब वह कानपुर की प्रतिभाओं के कौशल को निखारने का काम शिद्दत से कर हैं।

खेलों को पूरी तरह से समर्पित संतोष त्यागी बीपीएड की तालीम हासिल करने के बाद कानपुर की प्रतिभाओं को इस लायक बनाने का काम कर रही हैं ताकि वे राष्ट्रीय स्तर पर अपने शहर तथा प्रदेश का नाम रोशन कर सकें। संतोष त्यागी मुक्केबाजी तथा खो-खो जैसे खेल में महारत हासिल हैं। जब भी इन खेलों का आयोजन होता है, आयोजक इन्हें बतौर अधिकारी जरूर आमंत्रित करते हैं। शारीरिक शिक्षक के तौर पर 17 साल का लम्बा अनुभव रखने वाली संतोष त्यागी 1993-94 में हिसार में हुई राष्ट्रीय खो-खो प्रतियोगिता, 1994 में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्कूल गेम्स तथा 2020 में चण्डीगढ़ में हुए आल इंडिया यूनिवर्सिटी खेलों में अपनी योग्यता का परिचय दे चुकी हैं।

संतोष ने 1999 में कानपुर में हुई महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण तथा कांस्य पदक जीते वहीं नार्थ जोन में रजत पदक जीता। इन्होंने 2000 में होशियारपुर (पंजाब) में हुई बाक्सिंग प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर कानपुर का नाम रोशन किया। संतोष त्यागी 2000 में हुए राष्ट्रीय खेलों में भी प्रतिभाग कर चुकी हैं। प्रशिक्षण के क्षेत्र में प्राणपण से जुटीं संतोष त्यागी के खेल करियर पर गौर करें तो इन्होंने स्कूली जीवन में जहां कई प्रतियोगिताओं में जौहर दिखाए वहीं 2001 में दिल्ली में हुई दूसरी सीनियर राष्ट्रीय मुक्केबाजी प्रतियोगिता में अपने दमदार मुक्कों का जलवा दिखाया।

संतोष त्यागी ने वर्ष 2000 में चेन्नई में आयोजित जूनियर महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में भी प्रतिभाग किया। यह राष्ट्रीय स्तर पर मुक्केबाजी में कई पदक जीत चुकी हैं। संतोष त्यागी ने 2002 में कानपुर में हुई भारतीय सीनियर पुरुष-महिला बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में भी अपने जोरदार प्रदर्शन से लोगों की वाहवाही लूटने में सफल रहीं। यह हैदराबाद में हुए 32वें राष्ट्रीय खेलों के साथ ही विशाखापट्टनम में भी अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ने में सफल रहीं।

हरफनमौला संतोष त्यागी मुक्केबाजी ही नहीं वर्ष 1999 से 2008 तक इंटर यूनिवर्सिटी की हाकी प्रतियोगिताओं में भी शिरकत करती रहीं। इन्होंने 2003-04 में छत्तीसगढ़ में हुई अखिल भारतीय विश्वविद्यालयीन बास्केटबॉल में प्रतियोगिता में भी सहभागिता की तथा वर्ष 2003-04 में कोलकाता में आयोजित ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी की कबड्डी प्रतियोगिता में भी अपना कौशल दिखाया। वर्ष 1999-2000 में ग्वालियर में हुई ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी की एथलेटिक स्पर्धा में भी संतोष त्यागी ने कानपुर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया। संतोष त्यागी 1993 से 2005 तक राज्यस्तरीय खो खो, बॉक्सिंग, हैंडबॉल, हॉकी, एथलेटिक, कबड्डी तथा टेनिस बॉल क्रिकेट प्रतियोगिताओं में भी अपने लाजवाब प्रदर्शन की बानगी पेश करने में सफल रहीं।

संतोष त्यागी 2012 से मुक्केबाजी और खो खो में जहां एक अधिकारी के तौर पर अपनी सेवाएं दे रही हैं वहीं बतौर प्रशिक्षक टीमों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर ले जा रही हैं। 2008 में कोलकाता में आयोजित प्रथम जूनियर राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में शानदार प्रबंधन का गौरव हासिल है। 2018 में नागपुर में हुई बीएल प्रथम सब जूनियर महिला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में भी इन्होंने अपनी अहमियत सिद्ध की। यह देश के खेल विकास संगठन से भी जुड़ी हुई हैं। खेलों में शानदार उपलब्धियों के लिए संतोष त्यागी कई बार सम्मानित हो चुकी हैं। इन्हें चौधरी राम गोपाल यादव द्वारा जिला खेल रत्न तथा 2020 में कानपुर जिला मुक्केबाजी संघ द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

 

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