अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रहीं खिलाड़ी बेटियां

बेटियों का कहना- प्रतियोगिताएं हों या न हों हमें अपना काम करना है

खेलपथ प्रतिनिधि

ग्वालियर। कोरोना संक्रमण के चलते जहां सारी खेल गतिविधियां विराम ले चुकी हैं वहीं हमारे देश की प्रतिभाशाली बेटियां सपना कुमारी, प्रीति यादव, निशू सिंह, पूजा रानी, दुती चंद, हिमा दास, विनेश फोगाट, दिव्या काकरान आदि अपनी फिटनेस को लेकर दिन-रात मेहनत कर रही हैं। इन बेटियों का कहना है कि प्रतियोगिताएं हों या न हों उन्हें अपनी फिटनेस पर ध्यान तो देना ही है।

खेलपथ से बातचीत में यह खिलाड़ी बेटियां कहती हैं कि इस साल कोरोना संक्रमण के चलते प्रतियोगिताओं के स्थगित होने से उनकी सारी मेहनत धरी की धरी रह गई, ऐसे में भविष्य को ध्यान में रखते हुए हम लोग अपनी फिटनेस पर फोकस कर रहे हैं। देखा जाए तो कोरोना संक्रमण से अलग-अलग स्पर्धा के हजारों प्रतिभाशाली खिलाड़ी चिन्तित हैं। खेल गतिविधियां ठप होने से खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं। खिलाड़ियों को इंतजार है तो बस खेलों के आयोजन शुरू होने का।

झारखण्ड की 100 मीटर बाधा दौड़ की स्टार एथलीट सपना कुमारी इन दिनों रांची में रहकर जहां अपनी फिटनेस पर काम कर रही हैं वहीं प्रीति यादव और निशू सिंह नई दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में सुबह-शाम पसीना बहाते देखी जा सकती हैं। मुक्केबाज पूजा रानी पटियाला में अभ्यास कर रही हैं तो महिला पहलवान अपने-अपने घरों में मशक्कत कर रही हैं। महिला खिलाड़ियो का कहना है कि ग्रीष्मकाल प्रैक्टिस के लिए उपयुक्त होता है लेकिन मार्च में कोरोना से लॉकडाउन लगते ही सारी खेल गतिविधियों पर विराम लग गया। आगे कब से खेलों का आयोजन शुरू होगा इसका कोई अता-पता नहीं है।

विभिन्न खेलों के प्रशिक्षकों का कहना है कि खेल गतिविधियां बंद होने से खिलाड़ी की प्रतिभा और उनके अभ्यास का आकलन नहीं हो पा रहा है। प्रतियोगिताएं होते रहने से खिलाड़ियों की क्षमता का पता चलता है। यह दौर खिलाड़ियों की प्रतिभा को नुकसान पहुंचा रहा है। बेहतर प्रदर्शन और बड़ी प्रतियोगिता के लिए एक प्रशिक्षक साल भर मेहनत करता है ताकि उसके खिलाड़ी मैच जीतें। करीब छह महीने से सभी खेल आयोजन बंद हैं। ऐसे में प्रशिक्षकों की समझ में भी नहीं आ रहा कि वह खिलाड़ियों के कौशल को निखारें भी तो कैसे।

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