शिविर में जगह नहीं मिलने से पारुपल्ली निराश

पूछा- आठ खिलाड़ियों के चयन का क्या है आधार?
नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व चैम्पियन पारुपल्ली कश्यप ने हैदराबाद में चल रहे राष्ट्रीय बैडमिंटन शिविर में जगह नहीं मिलने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसे केवल ओलम्पिक टिकट हासिल करने की दौड़ में शामिल आठ दावेदारों तक सीमित रखना अतार्किक है। विश्व रैंकिंग के पूर्व छठे नंबर के इस खिलाड़ी ने कहा कि उनके पास भी टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने का मुश्किल मौका है लेकिन वह इस ओर आगे नहीं बढ़ पा रहे क्योंकि वह शिविर में अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं।
इस 33 साल के अनुभवी खिलाड़ी ने कहा, ''शिविर के संबंध में मेरे कुछ प्रश्न हैं। केवल आठ लोगों को अभ्यास करने की अनुमति देना मुझे अतार्किक लगता है। इसके अलावा, किस आधार पर इन आठ खिलाड़ियों का चयन हुआ, इसमें से सिर्फ तीन ने अपनी जगह लगभग पक्की की है बाकी के पास मुश्किल मौका है जिसमें श्रीकांत और महिला युगल जोड़ी भी शामिल है।''
उन्होंने कहा, ''मैं साई (बी. साई प्रणीत) और (किदांबी) श्रीकांत के बाद विश्व रैंकिंग में 23वें स्थान पर हूं, फिर मेरे नाम पर विचार क्यों नहीं किया गया।'' तेलंगाना सरकार से एक अगस्त को मंजूरी मिलने के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने सात अगस्त से साई-पुलेला गोपीचंद अकादमी में प्रशिक्षण को फिर से शुरू करने की अनुमति दी थी।
कश्यप अपनी पत्नी और साथी शटलर सायना नेहवाल के साथ अकादमी के पास एक अलग सुविधा केन्द्र में प्रशिक्षण ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले में साई के साथ अपने विचार साझा किए लेकिन संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने कहा,''गोपी भैया (पुलेला गोपीचंद) ने मुझे साई से बात करने की सलाह दी, क्योंकि यह सूची उन्होंने तैयार की है। इसलिए मैंने साई महानिदेशक से बात की और उनसे पूछा कि इसके पीछे क्या तर्क है? मैं शिविर में क्यों नहीं हूं? किसने फैसला किया कि हमारे पास क्वालीफाई करने का मौका नहीं है जबकि अभी सात-आठ टूर्नामेंट बाकी हैं।''
उन्होंने बताया, ''एक दिन बाद, साई के एक सहायक निदेशक ने मुझे फोन किया और कहा कि यह निर्देश उच्च अधिकारियों से आया है। उन्होंने इस बारे में भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) और साई से बात की है, जो मानते हैं कि इन खिलाड़ियों के पास क्वालीफिकेशन हासिल मौका है, जो मुझे अजीब लगा।''कश्यप ने कहा कि साई पुलेला गोपीचंद अकादमी अधिक खिलाड़ियों को जगह देने के लिए पर्याप्त कोर्ट हैं।
उन्होंने कहा, ''इस राष्ट्रीय केन्द्र में नौ कोर्ट हैं और अभी सिर्फ चार लोग अभ्यास कर रहे हैं। इन चार खिलाड़ियों के लिए नौ कोच और दो फिजियो हैं जो अधिकतम ढाई घंटे तक अभ्यास करते हैं। इसके अलावा बाकी समय में कोर्ट खाली रहता है ऐसे में वहां दूसरे खिलाड़ी अभ्यास क्यों नहीं कर सकते? यह मेरी समझ से परे है।''
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