एशियाई कप और युवा विश्व कप क्वालीफाई को बनाएं लक्ष्य

पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया ने मौजूदा फुटबॉल टीम को दिए कई अहम सुझाव
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया ने मौजूदा टीम को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। भूटिया ने कहा है कि अगर भारतीय फुटबॉल टीम महाद्वीप में अपना दमखम कायम करना चाहती है तो उसे एशियाई कप और युवा विश्व कप के लिए नियमित रूप से क्वालीफाई करने को लक्ष्य बनाना चाहिए। भूटिया ने राष्ट्रीय टीम के लिए बेहतर खिलाड़ियों के विकास के लिए जमीनी स्तर पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने एआईएफएफ (अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ) टेलीविजन से कहा, ‘राष्ट्रीय टीम के लिए, हमें अच्छे स्तर के खिलाड़ियों को तैयार करना होगा। हमारे पास इस समय अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन अगर हम एशिया में सर्वश्रेष्ठ प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं, तो हमें बड़े और बेहतर खिलाड़ियों को लगातार तैयार करते रहना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘एआईएफएफ ने जमीनी स्तर पर बहुत ध्यान दिया है। हमें जमीनी स्तर को और मजबूत करने की जरूरत है। हम इस पर काम कर रहे हैं।’
भूटिया ने कहा, ‘राष्ट्रीय टीमों के लिए हमारा लक्ष्य एएफसी (एशियाई फुटबॉल परिसंघ) एशियाई कप और फीफा युवा विश्व कप के लिए नियमित रूप से क्वालीफाई करने का होना चाहिए।’ भारत के इस पूर्व कप्तान के मुताबिक मैचों की संख्या में बढ़ोतरी और विदेशी दौरों ने हाल के वर्षों में भारतीय फुटबॉल टीम को अपनी रैंकिंग में सुधार करने में मदद की है। 
भारत के लिए 100 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले पहले खिलाड़ी बने भूटिया ने कहा कि 2011 में उनके संन्यास लेने के बाद बेहतर बुनियादी ढांचे ने टीम के विकास में मदद की। उन्होंने कहा, ‘हमारे समय के मुकाबले खिलाड़ियों को अब बेहतर समर्थन, मंच और प्रतियोगिता के स्तर के साथ बढ़िया कोचिंग स्टाफ मिल रहा है। हमारे समय के मुकाबले अब, राष्ट्रीय टीम के मैचों की संख्या में तीन-चार गुना बढोतरी हुई है।’
 
मौजूदा कप्तान सुनील छेत्री से पहले भारत के लिए सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘मौजूदा टीम की तुलना में हमें कम मैच खेलने को मिलते थे। क्वालीफिकेशन मैचों में अक्सर हमारा मुकाबला कड़ी टीमों के खिलाफ होता था। खिलाड़ियों को अब ज्यादा मैच खेलने को मिल रहे हैं। इससे वह समय के साथ बेहतर हो रहे हैं।’
1995 में भारत के लिए पदार्पण करने वाले इस 43 वर्षीया पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि 2014 में इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के शुरू होने के बाद भारतीय फुटबॉल में काफी बदलाव आया है। उन्होंने कहा, ‘हीरो आईएसएल के शुरु होने के बाद आप देख सकते हैं कि बुनियादी ढांचे, प्रशिक्षण के मैदान, मैच, कोचिंग और खेल के मैदान की गुणवत्ता बहुत बढ़ गयी है।’
कोरोना महामारी कम होने के बाद होगा भूटिया के नाम पर बन रहे स्टेडियम का उद्घाटन
भारत के पूर्व दिग्गज फुटबॉलर और कप्तान बाईचुंग भूटिया के नाम पर बन रहे 15000 दर्शकों की क्षमता वाले स्टेडियम का उद्घाटन कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप कम होने पर किया जाएगा। इस स्टेडियम में दूधिया रोशनी की भी व्यवस्था होगी। नामची में बना यह स्टेडियम तिनकिताम में भूटिया के जन्मस्थान से 25 किलोमीटर दूर है।
सिक्किम फुटबॉल संघ के अध्यक्ष मेनला एथेनपा के हवाले से अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने कहा, ‘यह भारत के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में से एक के प्रति हमारा सम्मान है। संन्यास लेने के बाद भी बाईचुंग भूटिया कई के लिए आदर्श हैं और सिक्किम ही नहीं बल्कि भारत में फुटबॉलरों को प्रेरित करते रहेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने भारतीय फुटबॉल के लिए जो किया है हम उसकी कीमत अदा नहीं कर सकते। मगर उनके नाम पर स्टेडियम का नाम रखकर हम इस महान फुटबॉलर के प्रति सम्मान दिखाना चाहते हैं। ’ यह देश में पहला स्टेडियम होगा जिसका नाम किसी फुटबॉलर के नाम पर रखा जाएगा। अंतरराष्ट्रीय मैचों का शतक पूरा करने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर भूटिया ने कहा कि वह इससे काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं काफी सम्मानित और रोमांचित हूं। अगर आप बड़ी तस्वीर देखें तो मैं इसलिए खुश हूं कि उभरते हुए खिलाड़ियों को फुटबॉल खेलने के लिए एक और शीर्ष स्तरीय सुविधा और बुनियादी ढांचा मिलेगा।’ बाईचुंग भूटिया फुटबॉल स्टेडियम का निर्माण कार्य 2010 में शुरू हुआ था, लेकिन वित्तीय समस्याओं के कारण इसे कई अड़चनों का सामना करना पड़ा। सिक्किम के मौजूदा मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के पदभार संभालने के बाद निर्माण कार्य दोबारा शुरू हुआ।
स्टेडियम में कृत्रिम टर्फ पहले ही लगाया जा चुका है और साथ ही 15000 दर्शकों को बैठाने के लिए स्टैंड भी लग चुके हैं। एथेनपा ने कहा कि फ्लडलाइट लगाने की योजना पर काम चल रहा है और इसे निर्माण कार्य के दूसरे चरण में पूरा किया जाएगा।
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