दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ने नाडा से मांगी नौकरी
नयी दिल्ली। क्रिकेट के मैदान पर भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले और दिव्यांग राष्ट्रीय टीम की कप्तानी संभाल चुके दिनेश सैन ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद के लिए आवेदन किया है। बचपन से ही पोलियो से ग्रस्त दिनेश ने 2015 से 2019 के बीच भारत की दिव्यांग टीम की ओर से 9 मैच खेले और इस दौरान टीम की अगुआई भी की। वह 35 बरस की उम्र में अपने परिवार के जीवनयापन के लिए तय आय वाली नौकरी ढूंढ रहे हैं।
उनके परिवार में पत्नी के अलावा एक साल का बच्चा है। दिनेश ने सोनीपत में अपने घर से बताया, ‘मैं 35 साल का हूं और स्नातक की पहले वर्ष की पढ़ाई कर रहा हूं। मैंने 12वीं के बाद सिर्फ क्रिकेट खेला, भारत का प्रतिनिधित्व किया लेकिन अब मेरे पास पैसे नहीं हैं। नाडा में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के लिए एक पद खाली है।' जिला अदालत में भी इसी पद के लिए साक्षात्कार दे चुके दिनेश ने कहा, ‘इस नौकरी के लिए सामान्य लोगों के लिए आयु सीमा 25 साल है, लेकिन दिव्यांग वर्ग के लिए 35 साल है। इसलिए यह सरकारी नौकरी हासिल करने का मेरा अंतिम मौका है।'
ख्याति न मिलने का मलाल
दिनेश को सिर्फ इस बात का मलाल है कि देश के लिए खेलने के बावजूद उन्हें पैसा और ख्याति नहीं मिली। 2015 में बांग्लादेश में 5 देशों के टूर्नामेंट में मैं 4 मैचों में 8 विकेट के साथ सबसे सफल गेंदबाज था। मैंने पाकिस्तान के खिलाफ भी 2 विकेट चटकाए थे।' दिनेश 2019 में इंग्लैंड में खिताब जीतने वाली टीम के साथ भी जुड़े थे लेकिन अधिकारी के रूप में।