पिछले एशियाई खेलों में एथलेटिक्स में भारत के हुए 20 पदक

दो साल बाद अनु राघवन को मिला कांस्य पदक

खेलपथ प्रतिनिधि

नई दिल्ली। खिलाड़ियों को सफलता के लिए बेजा तरीके इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। आज के समय में खिलाड़ी शक्तिवर्धक दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं और पकड़े जा रहे हैं। पिछले एशियाई खेलों में 400 मीटर बाधा दौड़ का स्वर्ण पदक जीतने वाली खिलाड़ी को दो साल बाद डोपिंग के चलते स्वर्ण पदक से हाथ धोना पड़ा नतीजन स्पर्धा में चौथे स्थान पर रही भारत की अनु राघवन को कांस्य पदक मिल गया है और भारत की पदक तालिका में भी एक पदक का इजाफा हो गया है। दो साल बाद मिले कांस्य पदक से अनु राघवन काफी खुश हैं। अनु राघवन जकार्ता में हुई अंतिम रेस में 56.92 मिनट के समय से चौथे स्थान पर रही थीं।

भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के अध्यक्ष आदिल सुमरीवाला ने कहा कि एएफआई विश्व एथलेटिक्स वेबसाइट की रैंकिंग में यह बदलाव देखकर काफी खुश है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त पदक से हमारे कुल पदकों की संख्या 20 हो गयी है जिसमें आठ स्वर्ण और नौ रजत पदक हैं। उन्होंने कहा कि यह खबर हमारे लिए शानदार है क्योंकि हम एशियाई खेलों के प्रदर्शन से अगले साल टोक्यो में ओलंपिक खेलों में विश्व स्तर पर अपनी छाप छोड़ने का लक्ष्य बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि चार गुणा 400 मीटर रिले टीम काफी खुश है क्योंकि उसके पास जकार्ता से अब दो स्वर्ण और एक रजत पदक हो गया है।

 

रिलेटेड पोस्ट्स