पटियाला में कोरोना नियम तोड़ने वाले मुक्केबाजों के खिलाफ जांच शुरू

खिलाड़ियों को खतरे में डाल मजदूरों से कराया जा रहा काम
खेलपथ प्रतिनिधि
पटियाला।
नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स पटियाला में एकांतवास के दिनों को लेकर दोहरे मापदंड अपनाने का मामला सामने आने के बावजूद खिलाड़ियों को खतरे में डालने का काम जारी हैं। एनआईएस के गर्ल्स हॉस्टल के ठीक सामने एक निजी ठेकेदार की ओर से कैंटीन का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें मजदूर रोजाना बाहर से आकर काम कर रहे हैं। कोरोना के भय को लेकर इस बारे में एथलीट आवाज उठा चुके हैं, लेकिन मजदूरों का आना-जाना जारी है।
संस्थान में एथलेटिक्स और वेटलिफ्टिंग का नेशनल कैंप लगे होने के कारण यहां अंदर आने-जाने को लेकर नियम बेहद सख्त हैं। अंदर आने के लिए 14 दिनों का एकांतवास अनिवार्य है, लेकिन गर्ल्स हॉस्टल के ठीक सामने पिछले कई दिनों से कैंटीन का निर्माण कराया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि एथलीटों ने इस पर एतराज भी जताया, क्योंकि हॉस्टल की सड़क पार करते ही ठीक सामने यह कैंटीन है। खिलाड़ियों का हॉस्टल से निकलते वक्त इनसे आमना-सामना भी होता है। कर्मियों ने भी हैरानी जताई है कि केंद्रीय संस्थान होने के बावजूद एक निजी ठेकेदार को यहां निर्माण की अनुमति दे दी गई।
बॉक्सरों को नियम तोड़कर 14 दिन से पहले कैंपस में प्रवेश दिए जाने के मामले में साई की टीम रविवार को जांच के लिए एनआईएस पटियाला पहुंच गई। यही नहीं संस्थान के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक आरएस बिश्नोई को सोमवार को साई मुख्यालय दिल्ली तलब कर लिया गया है। साई सेंटर सोनीपत की इंचार्ज ललिता शर्मा जांच होने तक एनआईएस का कार्यभार संभालेंगी। 
क्वारंटीन नियम का उल्लंघन करने के आरोपी ये मुक्केबाज शनिवार सुबह एनआईएस पटियाला छोड़कर चले गए। कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडल विजेता विकास कृष्णन यादव, नीरज गोयत और एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता सतीश कुमार पर आरोप है कि तीनों एथलीट क्वारंटीन के दौरान साथी एथलीटों के साथ मिल-जुलकर सामाजिक दूरी अपनाने के नियम का उल्लंघन किया है। यहां यह बताना जरूरी हो जाता है कि विकास (69 किलोग्रां) और सतीश (+91 किलोग्राम) ने टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। अब जांच समिति तमाम परिस्थितियों पर गौर करने के बाद जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। 
कोरोना महामारी के बीच ओलम्पिक की तैयारियों को लेकर एक-दो सप्ताह पहले ही मुक्केबाजी शिविर का शुभारंभ हुआ, इसमें ओलम्पिक क्वालीफाई कर चुके सात अन्य बॉक्सर्स को भी क्वारंटीन किया गया है। नियमों के मुताबिक कोरोना जांच के बाद खिलाड़ियों को कैंपस के होस्टल में एंट्री की अनुमति होती है। नई एसओपी के तहत खिलाड़ियों को उनके कमरे में ही सात दिन तक क्वारंटीन में रहना होता है, छठे दिन कोरोना टेस्ट निगेटिव आने के बाद ही अन्य खिलाड़ियों से उन्हें मिलने की अनुमति होती है। इन बॉक्सर्स पर आरोप है कि ये मेस में टहल रहे थे।

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