मूक और बधिर खिलाड़ियों के लिए दिव्यांग कोचों की नियुक्ति करेगा साई

अखिल भारतीय बधिर खेल परिषद ने की थी सिफारिश

नई दिल्ली। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) जल्द ही मूक और बधिर खिलाड़ियों के लिए दिव्यांग कोचों की नियुक्ति कर सकता है क्योंकि खेल मंत्री किरेन रिजिजू सैद्धांतिक रूप से अखिल भारतीय बधिर खेल परिषद (एआईएससीएफडी) की सिफारिशों पर सहमत हो गए हैं। खेल मंत्री के साथ ऑनलाइन बैठक में एआईएससीएफडी ने गुरुवार को अपने खिलाड़ियों के साथ आसान संवाद के लिए दिव्यांग कोचों की जरूरत की ओर ध्यान खींचा। इस बैठक में 16 अन्य राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) ने भी हिस्सा लिया।
बैठक के दौरान मौजूद एनएसएफ के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि अखिल भारतीय बधिर खेल परिषद ने सामान्य कोचों के साथ अपने खिलाड़ियों के संवाद में समस्या का जिक्र किया और मंत्री से आग्रह किया कि वे मूक और बधिर खिलाड़ियों के लिए दिव्यांग कोचों को नियुक्त करने पर विचार करें। उन्होंने कहा कि मंत्री ने सुझाव की सराहना की और सैद्धांतिक रूप से राजी हो गए। उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण को इस मुद्दे को देखने को कहा है। गुरुवार को हुई बैठक रीजीजू की एनएसएफ के साथ ऑनलाइन बैठक का दूसरा दौर था। इससे पहले मंगलवार को उन्होंने 15 महासंघों के साथ बैठक करके भविष्य में खिलाड़ियों की ट्रेनिंग, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व तथा भारत में खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन पर चर्चा की थी।
गुरुवार को हुई बैठक में एआईएससीएफडी के अलावा टेनिस, कबड्डी, शतरंज, बास्केटबॉल, ब्रिज, बिलियर्ड्स एवं स्नूकर, घुड़सवारी, हैंडबॉल, कयाकिंग एवं कैनोइंग, स्क्वाश, सेपकटकरा, वालीबॉल, वुशु, याटिंग, स्पेशल ओलंपिक भारत और भारतीय विश्व विद्यालय संघ के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक के दौरान एनएसएफ ने मंत्री के साथ अपने अल्पकालीन और दीर्घकालीन लक्ष्यों पर चर्चा की और ट्रेनिंग को तुरंत दोबारा शुरू करने की मांग की जो कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के कारण मार्च से निलंबित है। अधिकारी ने कहा कि अधिकतर एनएसएफ ने अब तक अपने वार्षिक प्रतियोगिता एवं ट्रेनिंग कार्यक्रम को अंतिम रूप नहीं दिया है क्योंकि उन्हें अंतरराट्रीय कार्यक्रम के तैयार होने का इंतजार है जो कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित है। भारतीय कयाकिंग एवं कैनाइंग संघ ने ग्रीन जोन में शीर्ष 20 से 30 खिलाड़ियों के साथ ट्रेनिंग दोबारा शुरू करने के लिए सरकार की स्वीकृति मांगी। वुशु, हैंडबॉल और सेपकटकरा महासंघों ने सरकार ने अपील की कि इन खेलों को खेलो इंडिया खेलों में शामिल किया जाए।

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