ट्रेनिंग को लेकर भारतीय खेल प्राधिकरण ने जारी किए दिशा-निर्देश

लखनऊ। बैडमिंटन और टेबल टेनिस खेलते समय खिलाड़ी अपनी-अपनी गेंदों का इस्तेमाल करेंगे। इन खेलों में जब अंक मिलेगा तो खिलाड़ी अपनी शटल या गेंद से सर्विस करेंगे। कोई खिलाड़ी एक-दूसरे की शटल कॉक नहीं छुएगा। खेलने से पहले खिलाड़ी को रैकेट और जूते सेनेटाइज करने होंगे। कोई खिलाड़ी एक दूसरे का कोई सामान या उपकरण नहीं छुएगा। न ही हाथ मिलाएगा।

भारतीय खेल प्राधिकरण ने अपने सेंटरों के लिए ऐसे ही कई खेलों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। उसने स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के तहत खेलों को चार वर्गों में रखा है। हर वर्ग खेल में क्या-क्या  ऐतिहात बरतने हैं यह भी बताया है। राजधानी सहित कई सेंटरों पर खेलकूद शुरू भी हो गए हैं।

साई ने फिलहाल जिन खेलों की ट्रेनिंग शुरू करने की उनमें एथलेटिक्स, निशानेबाजी, बैडमिंटन, वेटलिफ्टिंग, तीरंदाजी, साइकिलिंग, टेबल टेनिस, बॉक्सिंग, हॉकी, तलवारबाजी प्रमुख हैं। हर खिलाड़ी अपने साथ मास्क, सेनिटाइजर और ग्लव्स रखेगा।

कैटेगरी-1 : नॉन कांटैक्ट स्पोर्ट्स :
एथलेटिक्स, तीरंदाजी, निशानेबाजी, तरवारबाजी, साइकिलिंग आदि

ऐहतियात :
- एथलेटिक्स में प्रशिक्षक एथलीटों से दो मीटर की दूसी से बात करेंगे।
- कोई खिलाड़ी का उपकरण नहीं छुएगा।
- एथलेटिक्स में खिलाड़ियों को जैवलिन, डिस्कस, शाटपट और हैमर अपना-अपना प्रयोग करना होगा।
- तीरंदाजी में हर खिलाड़ी अपना धनुष और तीर इस्तेमाल करेगा।
- उपकरणों को थोड़ी-थोड़ी देर बाद सेनिटाइज करना होगा।

कैटेगरी-2 : सेमी कांटैक्ट स्पोर्ट्स:
फुटबाल, वॉलीबाल, हैण्डबाल, हॉकी, टेबल टेनिस, बैडमिंटन आदि

ऐतिहात :
- टीम गेम में 8 से 10 खिलाड़ी ही एक बार में ट्रेनिंग कर सकेंगे।
- शारीरिक टेकलिंग नहीं होगी, फील्ड को बांटकर ट्रेनिंग होगी।
- बैडमिंटन और टेबल टेनिस में खिलाड़ी अपनी-अपनी शटल या गेंद का इस्तेमाल करेंगे।
- बैडमिंटन और टेबल टेनिस के एकल गेम ही होंगे।
- कोई खिलाड़ी  किसी अन्य खिलाड़ी का हॉकी स्टिक, शिन गार्ड, ग्लव्स आदि नहीं छुएगा।
- गेंद पर पसीना या थूक नहीं लगना चाहिए।

कैटेगरी-3 : फुल कांटैक्स स्पोर्ट्स :
जूडो, ताइक्वाण्डो, वुशू, कुश्ती, कराटे आदि

ऐतिहात :
- सभी खिलाड़ी अकेले ट्रेनिंग करेंगे। बाउट नहीं होगी।
- पचिंग बैग और किक पैड का इस्तेमाल एक बार ही किया जाएगा।
- कोई एक-दूसरे का तौलिया का किट नहीं छुएगा।
- मैट पर पसीना नहीं पोछा जाएगा।
- खिलाड़ी ट्रेनिंग के दौरान थूकेंगे नहीं।

कैटेगरी- 4 : वाटर स्पोर्ट्स
कैनोइंग, क्याकिंग,नौकायन,रोइंग, स्विमिंग

- इन खेलों की अभी अनुमति नहीं दी गई है। इनके खेलों को खिलाड़ी फिटनेस के लिए मैदान पर ट्रेनिंग कर सकते हैं। 

लखनऊ में ट्रेनिंग शुरू :
साई सेंटर लखनऊ में एथलेटिक्स, वेटलिफ्टिंग जैसे खेलों की ट्रेनिंग शुरू हो गई है जल्द ही जूडो, ताइक्वाण्डो और वुशू की भी ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। साई उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के निदेशक संजय सारस्वत ने बताया कि सुबह सात से पू्र्वाह्न 10 बजे तक और शाम को पांच से सात बजे तक ट्रेनिंग हो रही है। अभी खिलाड़ियों की संख्या बहुत कम है। बीस या पचीस खिलाडी ही आ रहे हैं। प्रशिक्षक सोशल डिस्टेंसिंग के तहत ट्रेनिंग करा रहे हैं। दस साल से छोटे बच्चों को नहीं बुलाया जा रहा है।

रिलेटेड पोस्ट्स