दीपांकर मालवीय को सोते-जगते क्रिकेट की ही फिक्र

काउण्टी क्रिकेट में इंग्लैण्ड, स्काटलैण्ड, नार्दन आयरलैण्ड टीमों का किया प्रतिनिधित्व

नूतन शुक्ला

कानपुर। दीपांकर मालवीय क्रिकेट का वह नाम है जिसे सोते-जगते इस खेल की ही फिक्र रहती है। उत्तर प्रदेश रणजी टीम का हिस्सा रहे दीपांकर मालवीय विगत दो वर्षों से उत्तर मध्य रेलवे टीम के सहायक बल्लेबाजी प्रशिक्षक के तौर पर क्रिकेटरों को बल्लेबाजी के गुर सिखा रहे हैं। दीपांकर मालवीय को बेशक भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका न मिला हो लेकिन इस नायाब बल्लेबाज को काउण्टी क्रिकेट में इंग्लैण्ड, स्काटलैण्ड, नार्दन आयरलैण्ड टीमों से खेलने का गौरव जरूर हासिल है।

दीपांकर मालवीय को बचपन से ही क्रिकेट से लगाव रहा है। आर्यनगर कानपुर निवासी दीपांकर मालवीय ने अपनी ठोस बल्लेबाजी की बदौलत कई शानदार पारियां खेली हैं। राजनीति विज्ञान से स्नातोकत्तर दीपांकर मालवीय 2005 से उत्तर मध्य रेलवे कानपुर में कार्यरत हैं। इन्हें क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के चलते ही रेलवे में सेवा का अवसर मिला है। यह 2002 से 2005 तक उत्तर प्रदेश रणजी टीम का सदस्य रहे तो 2000 से 2008 तक रणजी ट्राफी कैम्पों में भी इन्हें रखा गया।

दीपांकर मालवीय 2002 से 2003 तक उत्तर प्रदेश अण्डर-25 टीम का सदस्य रहे तो 2000 से 2002 तक विज्जी ट्राफी में अपने शानदार खेल-कौशल से क्रिकेटप्रेमियों की वाहवाही लूटी। इस दरम्यान इन्होंने उत्तर प्रदेश अण्डर-22 टीम का प्रतिनिधित्व भी किया। दीपांकर मालवीय के दमदार खेल से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को उत्तर क्षेत्र इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट प्रतियोगिता में पहली बार विजेता होने का गौरव हासिल हुआ। इस प्रतियोगिता के खिताबी मुकाबले में श्री मालवीय को जहां मैन आफ द मैच का पुरस्कार मिला वहीं वह प्रतियोगिता के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के खिताब से भी नवाजे गए।

दीपांकर मालवीय 1989 से 2000 तक कानपुर यूनिवर्सिटी टीम का भी हिस्सा रहे। 1996 से 1999 तक इन्होंने कूच विहार ट्राफी में भी कई शानदार पारियां खेलीं। इन्होंने अपनी शानदार बल्लेबाजी और कुशल कप्तानी में उत्तर प्रदेश टीम को 1994 और 1996 में विजय मर्चेण्ट ट्राफी का चैम्पियन बनाया। दीपांकर मालवीय के याराना खेल की बदौलत उनकी टीम ने 1995-96 में माधव राव सिंधिया ट्राफी पर भी कब्जा जमाया था।

प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद दीपांकर मालवीय 2017-18 में उत्तर प्रदेश अण्डर-19 टीम के सहायक कोच और मैनेजर रहे तो 2019-20 में इन्हें उत्तर प्रदेश अण्डर-16 टीम का सहायक प्रशिक्षक और मैनेजर बनाया गया। इन्हें 2005 से 2011 तक काउण्टी क्रिकेट में इंग्लैण्ड, स्काटलैण्ड, नार्दन आयरलैण्ड की टीमों से भी खेलने का अवसर प्राप्त हुआ। दीपांकर मालवीय को 1995-96 में जेएनटी अवार्ड से नवाजा गया तो 2001-02 में इन्हें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से वाइस चेयरमैन अवार्ड भी मिल चुका है। क्रिकेट में दीपांकर मालवीय को जो कुछ भी हासिल हुआ है उसमें इनकी कड़ी मेहनत और खेल के प्रति समर्पण समाहित है। खेलपथ से बातचीत में श्री मालवीय कहते हैं कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं हो सकता। क्रिकेट से मुझे बहुत कुछ मिला है जिसे मैं अब प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को देना चाहता हूं। मेरी इच्छा है कानपुर से भी ऐसे क्रिकेटर निकलें जोकि भारतीय टीम का हिस्सा हों।

 

     

 

 

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