मैच के दौरान खुद पर कभी संदेह नहीं करता : कोहली

नई दिल्ली। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय कप्तान विराट कोहली के दिमाग में क्या चल रहा होता है? बांग्लादेश के स्टार बल्लेबाज तमीम इकबाल के साथ सोमवार को सोशल मीडिया पर लाइव चैट के दौरान इस प्रश्न के जवाब में कोहली ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मैच के दौरान मैं कभी अपने ऊपर संदेह नहीं करता। प्रत्येक व्यक्ति की कमजोरियां होती हैं। नकारात्मक पक्ष होते हैं। इसलिए दौरों पर अभ्यास के दौरान अगर आपका सत्र अच्छा नहीं रहा तो आपको लगता है कि आप लय में नहीं हो।’
लक्ष्य का पीछा करने में माहिर कोहली ने कहा कि बचपन में भारतीय टीम के मैचों को देखकर वे सोचते थे कि वह टीम की जीत में मदद कर सकते थे। उन्होंने कहा, अगर मैं 380 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहा हूं तो कभी नहीं सोचता कि इसे हासिल नहीं किया जा सकता।
कोहली ने बताया कि होबार्ट में श्रीलंका के खिलाफ बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए उनकी रणनीति क्या थी। कोहली ने कहा, ‘2011 में होर्बाट में क्वालीफाई करने के लिए हमें 40 ओवर में 340 रन बनाने थे। ब्रेक के समय मैंने सुरेश रैना से कहा कि इस मैच को हम 20 ओवर के 2 मैचों की तरह लेंगे। पहले 20 ओवर खेलते हैं और देखते हैं कि कितने रन बनते हैं और फिर दूसरा टी20 मैच खेलते हैं।’ सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक कोहली ने कहा कि अपनी जरूरतों के अनुसार उन्हें बल्लेबाजी के प्रति अपने रवैया में बदलाव लाना पड़ा, जिसमें गेंद को हवा में मारने की जगह जमीनी शॉट खेलना शामिल है। उन्होंने कहा, ‘मुझे अपनी जरूरत के हिसाब से बदलाव करने पड़े। मैंने बल्लेबाजी में छोटी-छोटी चीजों को आजमाया, क्योंकि जब तक आप परखोगे नहीं, तब तक आपको पता नहीं चलेगा।’

रघु के कारण तेज गेंदबाजी के खिलाफ बेहतर हुए
कोहली का मानना है कि थ्रोडाउन विशेषज्ञ डी. राघवेंद्र के साथ अभ्यास से भारतीय बल्लेबाजों को तेज गेंदबाजी के खिलाफ सुधार करने में काफी मदद मिली है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय टीम ने 2013 से तेज गेंदबाजी का सामना करते हुए जो सुधार दिखाया है, वह रघु (राघवेंद्र) के कारण है। खिलाड़ियों के फुटवर्क, बल्ले की मूवमेंट को लेकर उन्हें अच्छी समझ है। उन्होंने अपने कौशल में इतना इजाफा किया है कि साइडआर्म के साथ आसानी से 155 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंक सकते हैं।’ कोहली ने कहा कि नेट पर रघु का सामना करने के बाद जब आप मैच में जाते हो तो आपको महसूस होता है कि गेंद खेलने के लिए आपके पास काफी समय है। साइडआर्म एक क्रिकेट उपकरण है जो लंबे चम्मच की तरह होता है और इसके एक हिस्से को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि इससे गेंद को पकड़ा जाए और तेज गति से फेंका जाए।

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