एआईटीए ने आजीवन मानद पदों को किया खत्म

नयी दिल्ली, (एजेंसी)। अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) खेल मंत्रालय के निर्देश पर आजीवन अध्यक्ष, आजीवन उपाध्यक्ष और आजीवन सलाहकार जैसे मानद पदों को खत्म करने पर सहमत हो गया है। खेल मंत्रालय ने इन पदों को राष्ट्रीय खेल संहिता का उल्लंघन बताया था। इस फैसले का मतबल यह हुआ कि वरिष्ठ खेल प्रशासक अनिल खन्ना के अलावा एसएम कृष्णा और यशवंत सिन्हा जैसे पूर्व केंद्रीय मंत्री अब महासंघ के साथ आजीवन जुड़े नहीं रह सकते।

मंत्रालय के इस फैसले से डेविस कप के पूर्व कप्तान जयदीप मुखर्जी और नरेश कुमार सहित 8 लोग प्रभावित हुए हैं, जो उपाध्यक्ष के पद पर थे। इस सूची में डीवी भाटिया, घनश्याम पटेल, नरेंद्र कुमार, नटवर सिंह, बॉलीवुड अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा और यूसुफ हामिद का नाम भी शामिल है। मंत्रालय ने इस संबंध में 16 मार्च को एआईटीए को पत्र भेज कर कहा था कि ऐसे पदों का सृजन भारतीय खेल विकास संहिता 2011 का उल्लंघन है। एआईटीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखौरी बिस्वदीप ने पीटीआई को बताया कि उन्होंने खेल मंत्रालय के निर्देश को लागू करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि एआईटीए ने हमेशा खेल मंत्रालय के मार्गदर्शन और समर्थन के साथ काम किया है। हमने मंत्रालय के निर्देश पर आजीवन अध्यक्ष, आजीवन उपाध्यक्ष और आजीवन सलाहकार जैसे पदों को हटाने का फैसला किया है।
एनएसएफ की स्वायत्ता बरकरार रहे : रिजिजू
नयी दिल्ली (एजेंसी) : खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने शनिवार को कहा कि सरकार का राष्ट्रीय खेल महासंघों के कामकाज में दखल देने का कोई इरादा नहीं है और महासंघों की स्वायत्ता हर हालत में बरकरार रहनी चाहिये। उन्होंने यह बयान उन खबरों के बाद दिया है, जिनमें भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने आरोप लगाया था कि मंत्रालय राष्ट्रीय खेल महासंघों के कामकाज में दखल देने की कोशिश कर रहा है। रीजीजू ने एक बयान में कहा कि मुझे राष्ट्रीय खेल महासंघों के कामकाज की स्वायत्ता को लेकर आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा की चिंताओं के बारे में मीडिया रपटों से पता चला है कि खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) रोजमर्रा के कामकाज में दखल की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेल महासंघों की कामकाज की स्वायत्ता हर हालत में बरकरार रखनी होगी। महासंघों में राष्ट्रीय खेल संहिता का पालन और अच्छा प्रशासन उसके कामकाज में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आधारशिला है।

रिलेटेड पोस्ट्स