वेटलिफ्टर अजय सिंह के अरमानों पर फिरा पानी

फटे पासपोर्ट के चलते फ्लाइट पर नहीं चढ़ने दिया
नई दिल्ली।
कभी-कभी छोटी सी लापरवाही सपनों को तोड़ देती है। फटे पासपोर्ट ने वेटलिफ्टर अजय सिंह की टोक्यो ओलम्पिक में खेलने की उम्मीदों को दांव पर लगा दिया। दोहा में खेले जा रहे ओलम्पिक क्वालीफायर वेटलिफ्टिंग टूर्नामेंट में खेलने जा रहे वेटलिफ्टर अजय सिंह को फटे हुए पासपोर्ट के चलते फ्लाइट पर नहीं चढ़ने दिया गया। उन्हें इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से वापस लौटना पड़ा। रविवार को उन्हें 81 किलो भार वर्ग में इस टूर्नामेंट में खेलना था।
इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने दक्षिण एशियाई खेलों के ओलम्पिक क्वालीफायर से हटने के बाद दोहा टूर्नामेंट के लिए ओलम्पिक खेलने के दावेदार मीराबाई चानू, जेरमी लालरिनुनगा, राखी हलधर और अजय सिंह का चयन किया था। 19 दिसम्बर को पूरी टीम इस टूर्नामेंट में खेलने के लिए रवाना हुई। इमिग्रेशन ने भी अजय के पासपोर्ट पर आपत्ति जताई, लेकिन उन्होंने ओलम्पिक क्वालीफिकेशन और देश के लिए खेलने का हवाला देते हुए जाने की गुहार लगाई। यहां उनकी दाल गल गई, लेकिन जब फ्लाइट पर चढ़ने के लिए बोर्डिंग पास लेने की बारी आई तो एक विदेशी एयरलाइंस के क्रू सदस्यों ने उन्हें पास देने से इंकार कर दिया। उन्होंने साफ किया कि उनका पासपोर्ट ठीक नहीं है। इस पर वह सफर करने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। अजय के साथ टीम के कोच और अन्य सदस्यों ने भी ओलम्पिक क्वालीफायर का हवाला देते हुए उन्हें पास देने की अपील की, लेकिन उन्होंने अजय को पास नहीं दिया, जिसके चलते टीम के बाकी सदस्य दोहा के लिए रवाना हो गए पर अजय को बैरंग लौटना पड़ा। फेडरेशन ने शुक्रवार को उनका दूसरा पासपोर्ट बनवाने की कोशिश की लेकिन इतनी जल्दबाजी में यह सम्भव नहीं हो सका।
ओलम्पिक क्वालीफिकेशन के लिए अजय को हर हाल में यह टूर्नामेंट खेलना था। खेल मंत्रालय की ओर से मंजूर फेडरेशन के वार्षिक कैलेंडर में अब कोई ओलम्पिक क्वालीफायर टूर्नामेंट नहीं बचा है। हालांकि फरवरी में ताशकंद में एक ओलम्पिक क्वालीफायर टूनामेंट है। अगर मंत्रालय की मंजूरी मिली तो वह वहां अकेले खेल सकते हैं, वरना उन्हें अपने खर्च पर खेलना होगा।

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