न्यूजीलैंड में तीसरे सलामी बल्लेबाज के तौर पर शॉ का जाना लगभग तय
टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ डोपिंग बैन के बाद मैदान में वापसी कर चुके हैं और उन्होंने जिस तरह की बैटिंग फॉर्म दिखाई है, उस हिसाब से न्यूजीलैंड दौरे पर जाने के प्रबल दावेदार भी नजर आने लगे हैं। टीम इंडिया को फरवरी में न्यूजीलैंड में टेस्ट सीरीज खेलनी है और इस सीरीज में शॉ तीसरे सलामी बल्लेबाज के विकल्प के तौर पर जा सकते हैं। शॉ ने रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा के खिलाफ 66 रनों की पारी खेलकर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में वापसी की।
शॉ भारत-ए टीम का हिस्सा होंगे, जिसे न्यूजीलैंड में टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले न्यूजीलैंड-ए के खिलाफ चार दिवसीय मैच खेलना है। भारत की ओर से चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ ये मैच खेलेंगे। इस तरह से इन खिलाड़ियों के लिए ये मैच प्रैक्टिस भी साबित हो सकती है। सिलेक्शन कमिटी चाहती है कि इन तीन टेस्ट खिलाड़ियों को कम से कम दो प्रैक्टिस गेम मिलें, न्यूजीलैंड में टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया, 'सिलेक्शन कमिटी चाहती है कि टेस्ट स्पेशलिस्ट खिलाड़ी पहले ही न्यूजीलैंड पहुंच जाएं, जिससे वहां की कंडीशन से वो अच्छी तरह वाकिफ हो जाए। इससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस का मौका मिलेगा।' भारतीय टीम जनवरी के पहले सप्ताह में न्यूजीलैंड के लिए रवाना होगी।
शॉ ने इस साल नवंबर में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के साथ क्रिकेट मैदान पर वापसी की। डोप टेस्ट में फेल होने के कारण बीसीसीआई ने उन पर 8 महीने का बैन लगाया था। पहले ही मैच में पृथ्वी ने 39 गेंद पर 63 रनों की पारी खेली। शॉ ने तब कहा था, 'मैं बस रन बनाता रहूंगा, इसके बाद सबकुछ सिलेक्टर्स के ऊपर है, वो क्या चाहते हैं। मेरा काम है रन बनाना और टीम के लिए मैच जीतना।'
शॉ ने अपने बैन को लेकर कहा था, 'मुझे नहीं पता था कि मेरे साथ कभी ऐसा कुछ होगा। मैं काफी निराश था। बैन के शुरुआत के 20-25 दिन मुझे समझ ही नहीं आया था कि ये सब मेरे साथ क्या हो गया। समय बीता, मैं लंदन चला गया और वहां कुछ समय बिताया, मुझे 15 सितंबर तक प्रैक्टिस करने की इजाजत भी नहीं थी। इसके बाद मैंने खुद को संभाला, और खुद को ये कहकर समझाता रहा कि ये तीन महीने भी बीत जाएंगे। लेकिन हर एक दिन काफी मुश्किल था। लेकिन ये सबकुछ अब अतीत की बात है।'