चारों खाने चित हुआ पाक

अनुभवी टेनिस स्टार लिएंडर पेस ने अपना डेविस कप रिकार्ड बेहतर करते हुए जीवन नेदुंचेझियान के साथ अपना 44वां डबल्स मैच जीता जबकि भारत ने पाकिस्तान को 4-0 से हराकर 2020 क्वालीफायर में जगह बना ली। पाकिस्तान के मोहम्मद शोएब और हुफैजा अब्दुल रहमान की जोड़ी पेस और जीवन के आगे टिक नहीं सकी। उन्होंने सिर्फ 53 मिनट में 6 -1, 6-3 से जीत दर्ज की। पिछले साल अपना 43वां डबल्स मैच जीतकर डेविस कप के इतिहास में सफलतम खिलाड़ी बने पेस ने इटली के निकोला पी को पछाड़ा था। पेस ने 56वें मुकाबले में 43वीं जीत दर्ज की थी जबकि निकोला ने 66 में से 42 मैच जीते। भारत ने फरवरी 2014 के बाद पहली बार किसी मुकाबले में सारे मैच जीते हैं। उस समय इंदौर में भारत ने चीनी ताइपै को 5-0 से हराया था।
पेस का रिकार्ड तोड़ना असंभव
पेस का 44 जीत का रिकार्ड जल्दी टूट पाना संभव नहीं क्योंकि उनके अलावा कोई मौजूदा डबल्स खिलाड़ी शीर्ष 10 में नहीं है। बेलारूस के मैक्स मिरनी तीसरे नंबर पर हैं जिनके नाम 36 जीत दर्ज है लेकिन वह 2018 से टूर पर नहीं खेल रहे हैं। पेस डबल्स मुकाबले में जीत के मामले में भले ही शीर्ष पर हों लेकिन यह दिग्गज भारतीय कुल जीत के मामले में पांचवें स्थान पर हैं। उन्होंने 92 मैचों में जीत दर्ज की है जबकि 35 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस भारतीय खिलाड़ी के नाम पर अब कुल 92 जीत दर्ज हैं जिसमें एकल की 48 जीत भी शामिल हैं। एक और जीत के साथ पेस स्पेन के मैनुएल सेंटाना को पीछे छोड़ देंगे जिनका जीत-हार का रिकार्ड 92-28 है।
रिवर्स सिंगल में सुमित नागल ने युसूफ खलील को हराया
रिवर्स सिंगल में सुमित नागल ने युसूफ खलील को 6-1, 6-0 से मात दी। दोनों टीमों ने बेमानी हो चुका पांचवां मुकाबला नहीं खेलने का फैसला किया। पहले 3 मैच जीतने पर भी टीम के लिये चौथा मैच खेलना जरूरी था लेकिन नियम पांचवां मैच छोड़ने की इजाजत देते हैं।
क्वालीफायर्स में सामना क्रोएशिया से
अब क्वालीफायर्स में भारत का सामना क्रोएशिया से होगा और यह मुकाबला 6-7 मार्च को खेला जायेगा। डेविस कप फाइनल्स में 12 क्वालीफाइंग स्थानों के लिये 24 टीमें आपस में भिड़ेंगी। हारने वाली 12 टीमें सितंबर 2020 में विश्व ग्रुप वन खेलेंगी। विजेता टीमें फाइनल्स में खेलेंगी जिसके लिये कनाडा, ब्रिटेन, रूस, स्पेन, फ्रांस और सर्बिया पहले ही क्वालीफाई कर चुके हैं। भारत के गैर खिलाड़ी कप्तान रोहित राजपाल ने जीत को देश के सैन्य बलों को समर्पित किया।

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