अखिल भारतीय टेनिस संघ के रवैये से दुखी हैं महेश भूपति

खेलपथ प्रतिनिधि

नई दिल्ली। भारत के पूर्व डेविस कप कप्तान महेश भूपति ने गुरुवार को कहा कि वो राष्ट्रीय महासंघ के उन्हें बर्खास्त करने के तरीके से हुए दुख से उबर नहीं सके हैं लेकिन पिछले दो दशकों में खिलाड़ियों के साथ संस्था के इस तरह के रवैये को देखते हुए ये हैरानी की बात नहीं थी। भूपति के सुरक्षा संबंधित चिंताओं के कारण डेविस कप के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने से इनकार के बाद अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने उन्हें कप्तान के पद से हटा दिया था।

ये मुकाबला अब शुक्रवार से कजाखस्तान के नूर सुल्तान में शुरू होगा। भूपति ने उस घटना को याद करते हुए कहा, 'मैं अब भी रोज लड़कों (खिलाड़ियों) से टच में हूं। महासंघ ने मेरे साथ जो तरीका अपनाया, मैं उससे निराश था। जब वे मुझे कप्तान बनाना चाहते थे तो वे मुझसे मीटिंग करने के लिए हैदराबाद तक पहुंच गए थे।' उन्होंने कहा, 'मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है, अगर वे समझते हैं कि मेरे हटने का समय आ गया है लेकिन शिष्टाचार के तहत कम से कम एक फोन तो कर सकते थे कि देखिए हम समझते हैं कि अब किसी नए को लाने का समय आ गया है। मैं इसका सम्मान करता लेकिन मुझे इस तरह का कोई फोन नहीं आया।'
भूपति ने कहा, 'जिस तरह से महासंघ पिछले 20 सालों में बर्ताव करता आया है, सिर्फ मुझसे नहीं, भारतीय टेनिस में सभी से, उसे देखते हुए ये हैरानी की बात नहीं थी। लेकिन कहीं न कहीं इससे निराशा होती है।' उन्होंने कहा कि वो इस पद पर काबिज होने के लिए इसलिए राजी हुए क्योंकि भारतीय टेनिस के लिए उनका एक प्लान था। पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले के बारे में बात करते हुए भूपति ने कहा कि टीम इंडिया बिना किसी परेशानी के जीत हासिल कर लेगी। उन्होंने कहा, 'भारतीय टीम के लिए पाकिस्तान को दुनिया में कहीं भी हराना जरा भी मुश्किल नहीं है। हम कहीं भी खेलें, हम हमेशा पाकिस्तान को हरा देंगे, भले ही उसके लिए कोई भी खेले।'

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