आंसुओं को बहने दो, ये तुम्हें मजबूत बनाएंगे
नई दिल्ली. भारत रत्न मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने 1.8 करोड़ प्रशंसकाें को एक भावुक खत लिखा है। ‘इंटरनेशनल मेंस वीक’ के मौके पर बुधवार को इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि पुरुषों को अपनी भावनाएं छिपानी नहीं चाहिए। मुश्किल पलों में यदि आप भावुक हो जाएं तो अपने आंसुओं को बहने दें। ये बहते हुए आंसू आपको और मजबूत बनाएंगे। सचिन ने अपने अंतरराष्ट्रीय कॅरिअर से 16 नवंबर 2013 को संन्यास लिया था। उन्होंने इस पत्र में अपनी भावनाओं का जिक्र करते हुए लिखा- ‘‘यह ठीक है कि पुरुष रोएं। यह संदेश इसलिए है कि अपनी भावनाएं जताने के बावजूद एक पुरुष की पौरुषता कम नहीं होती।’’ सचिन का पुरुषों को लिखा पत्र...
सचिन ने कहा, ‘‘आप जल्द ही पति, पिता, भाई, दोस्त, मेंटर और अध्यापक बनेंगे। आपको उदाहरण तय करने होंगे। आपको मजबूत और साहसी बनना होगा लेकिन आपके जीवन में ऐसे पल भी आएंगे, जब आपको डर, संदेह और परेशानियों का अनुभव होगा। वह समय भी आएगा जब आप विफल होंगे और आपको रोने का मन करेगा। लेकिन यकीनन ऐसे समय में आप अपने आंसुओं को रोक लेंगे और मजबूत दिखने का प्रयास करेंगे, क्येंकि पुरुष ऐसा ही करते हैं।’’
‘‘पुरुषों को इसी तरह बड़ा किया जाता है कि वे कभी रोते नहीं। रोने से आदमी कमजोर होते हैं। मैं भी इसी तरह बड़ा हुआ हूं लेकिन मैं गलत था। दर्द और संघर्ष ने ही मुझे इतना मजबूत और सफल बनाया है। मैं अपने जीवन में कभी भी 16 नवंबर 2013 की तारीख को भूल नहीं सकता। मेरे लिए उस दिन आखिरी बार पवेलियन लौटना बहुत मुश्किल था और दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। मेरा गला रुंध गया था लेकिन फिर अचानक मेरे आंसू दुनिया के सामने बह निकले और हैरानी की बात है कि उसके बाद मैं शांति महसूस करने लगा था।’’
‘‘रोने और आंसू बहाने में कोई शर्म नहीं है। यह जीवन का हिस्सा है और इससे आप मजबूत बनते हैं। अपना दर्द जताने के लिए काफी हिम्मत की जरूरत होती है। लेकिन यह बात पक्की है कि इस सबसे आप अधिक मजबूत और बेहतर इंसान बनेंगे। मैं आपको यही कहूंगा कि पुरुषों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इस रुढ़िवाद से आगे बढ़िए।’’