पहले डे-नाइट टेस्ट मैच के लिये जुटेंगे भारत के महान क्रिकेटर
सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर और कपिल देव सहित भारत के महान क्रिकेटर बांग्लादेश के खिलाफ शुक्रवार को यहां शुरू होने वाले देश के पहले दिन-रात्रि टेस्ट के दौरान एकत्रित होंगे। गांगुली ने बुधवार को कहा, ‘सचिन (तेंदुलकर), गावस्कर, कपिल देव, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले, हर कोई यहां होगा। चायकाल में विशेष गाड़ियां स्टेडियम में चक्कर लगायेंगी जिसमें पूर्व कप्तान बैठे होंगे।’ उन्होंने कहा, ‘चायकाल में संगीत कार्यक्रम भी है और दिन के अंत में सम्मान समारोह होगा। दोनों टीमें, पूर्व कप्तान, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और प. बंगाल की मुख्यमंत्री भी इसमें होंगी।’ गांगुली ने कहा, ‘रूना लैला और जीत गांगुली भी परफार्म करेंगे। मैं बहुत उत्साहित हूं। जरा उत्साह देखिये, टेस्ट मैच के 4 दिन के टिकट पहले ही बिक गये हैं।’ यह पूछने पर कि क्या ईडन टेस्ट के बाद भारत अगले साल जनवरी में आस्ट्रेलिया के आगामी सीरीज़ में भी दिन-रात्रि टेस्ट खेलेगा तो गांगुली ने जवाब दिया, ‘देखेंगे।’उधर, भारत के सीनियर आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का मानना है कि दिन-रात्रि टेस्ट देश में इस पारंपरिक प्रारूप के लिए नई शुरुआत होगी क्योंकि मैच के समय के कारण दर्शकों की संख्या में काफी सुधार होगा। भारत अपना पहला दिन-रात्रि टेस्ट शुक्रवार से बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता में खेलेगा। मैच दोपहर एक बजे शुरू होगा और रात 8 बजे तक चलेगा। अश्विन ने कहा, ‘उम्मीद करता हूं कि यह स्टेडियम में बड़ी संख्या में दर्शकों के आने की शुरुआत होगी और टेस्ट क्रिकेट को उसका श्रेय मिलेगा और बेशक समय में बदलाव के कारण लोग अपना काम खत्म करने के बाद मैच देखने आ सकते हैं और इसका लुत्फ उठा सकते हैं।’ टीम के अश्विन के साथी मोहम्मद शमी का ध्यान पूरी तरह मैच के दौरान सामने आने वाली चुनौतियों पर है। उन्होंने कहा, ‘‘गुलाबी गेंद से बीच का सत्र सबसे महत्वपूर्ण होगा क्योंकि तब ईडन गार्डन्स पर अधिक स्विंग मिलेगी जबकि इसके विपरीत आम तौर पर सुबह का समय टेस्ट क्रिकेट में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।’ शमी ने कहा कि गुलाबी गेंद से फायदा उठाने के लिए गेंदबाजों को कड़ी मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा, ‘गुलाबी गेंद तभी उपयोगी होती है जब विकेट कड़ा हो और उस पर घास मौजूदा हो। गुलाबी गेंद अलग तरह की गेंद है और यह बिलकुल भी सफेद या लाल गेंद की तरह काम नहीं करती इसलिए इसकी संभावना बेहद कम है कि अंतिम सत्र में स्विंग या रिवर्स स्विंग मिलेगी। हमें कड़ी मेहनत करनी होगी।’
दिन-रात्रि टेस्ट में नहीं खेलेंगे बांग्लादेश के सैफ हसन
बांग्लादेश के रिजर्व सलामी बल्लेबाज सैफ हसन बुधवार को ऊंगली में चोट के कारण भारत के खिलाफ दिन-रात्रि टेस्ट के खिलाफ मैच में नहीं खेल पायेंगे। 21 साल के हसन इंदौर में पहले टेस्ट के दौरान स्थानापन्न क्षेत्ररक्षक के तौर पर अपनी ऊंगली के बीच में चोट लगा बैठे थे। इस बल्लेबाज के ईडन गार्डन्स में होने वाले ऐतिहासिक गुलाबी गेंद के टेस्ट में अपना पदार्पण करने की उम्मीद थी क्योंकि नियमित सलामी बल्लेबाज शादमान इस्लाम और इमरूल कायेस शुरूआती टेस्ट में अपने प्रदर्शन से प्रभावित नहीं कर सके थे। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने विज्ञप्ति में कहा, ‘यह चोट अभी तक ठीक नहीं हुई है और चिकित्सीय दल की राय है कि पूरी तरह से उबरने के लिये उन्हें आराम दिये जाने से लाभ मिलेगा।
बांग्लादेश को सूर्यास्त जल्दी होने की चिंता
कोलकाता : बांग्लादेश के स्पिन गेंदबाजी सलाहकार डेनियल विटोरी ने स्वीकार किया है कि यहां जल्दी सूर्यास्त होने से भारत के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हो रहे दिन-रात के ऐतिहासिक टेस्ट में उनके बल्लेबाजों के लिये चुनौती कड़ी होगी । भारत के कुछ खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट में गुलाबी गेंद से खेला है लेकिन बांग्लादेश ने सिर्फ एक बार 2013 में दिन-रात का एक 4 दिवसीय मैच खेला है। उसमें मौजूदा टीम का कोई भी सदस्य नहीं था। न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ने कहा,‘मेरा मानना है कि गुलाबी गेंद दिन के समय सामान्य है लेकिन चुनौती यह होगी कि दूधिया रोशनी में कितना खेल होता है। यहां सूर्यास्त जल्दी होता है, शायद 4.30 पर। ऐसे में गुलाबी गेंद को खेलना चुनौतीपूर्ण होगा।’ उन्होंने कहा,‘मैंने कभी दिन-रात का टेस्ट खेला नहीं है लेकिन टीवी पर देखा है। ढलते सूरज की रोशनी में खेलना मुश्किल होता है। यह मैच का ऐसा समय होगा जब दोनों टीमें प्रयोग करेंगे। आखिरी डेढ़ घंटा काफी रोचक होगा।’ गुलाबी गेंद से तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की उम्मीद है और भारत का पलड़ा भारी माना जा रहा है। विटोरी ने हालांकि कहा कि बांग्लादेश के तेज गेंदबाज भी कम नहीं है। उन्होंने कहा,‘सभी तेज गेंदबाज प्रतिभाशाली है। एसजी गुलाबी गेंद से पकड़ बनाना अलग होगा। अधिकांश को कूकाबूरा का अनुभव है। सभी इसे लेकर काफी उत्साहित हैं।’