द. अफ्रीका ने निर्णायक मैच में भारत को 9 विकेट से रौंदा
बेंगलूरु। कसी गेंदबाजी और बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने तीसरे और अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में रविवार को भारत को नौ विकेट से रौंद कर तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर कर ली। उल्लेखनीय है कि एक मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था। इससे पहले भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए नौ विकेट पर केवल 134 रन ही बनाये। टास जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिये उतरे भारत के किसी भी बल्लेबाज ने टिककर खेलने का प्रयास नहीं किया। सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (25 गेंदों पर 36) ने सर्वाधिक रन बनाये। उनके अलावा तीन अन्य बल्लेबाज ही दोहरे अंक में पहुंचे। ब्यूरॉन हेंड्रिक्स (14 रन देकर दो), ब्यूरॉन फोर्टीन (19 रन देकर दो) और कैगिसो रबाडा (39 रन देकर तीन) ने भारत को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया जबकि तबरेज शम्सी (23 रन देकर एक) ने शुरू में रन गंवाने के बाद शानदार वापसी की।
भारत ने पहले दस ओवरों के अंदर ही अपने तीनों सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों रोहित शर्मा (8 गेंदों पर 9), धवन और कप्तान विराट कोहली (15 गेंदों पर 9) के विकेट गंवा दिये। इन तीनों में केवल धवन ही दमदार बल्लेबाजी कर पाये। एंडिल फेलुकवायो पर दो कलात्मक चौके और तबरेज शम्सी पर आकर्षक छक्के धवन की पारी के आकर्षण रहे। रोहित के तीसरे ओवर में ब्यूरॉन हेंड्रिक्स की गेंद पर स्लिप में कैच देने के बाद धवन रन बनाने की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे थे लेकिन शम्सी पर एक और छक्का जड़ने के प्रयास में वह गेंद हवा में लहरा गये और मिडविकेट पर कैच हो गये। उन्होंने अपनी पारी में चार चौके और दो छक्के लगाये। कोहली ने पारी की शुरुआत अपेक्षित नहीं रही।
वह रन बनाने के लिये जूझते हुए नजर आये। कैगिसो रबाडा पर हावी होने के प्रयास में उन्होंने गेंद मिडविकेट सीमा रेखा की तरफ उछाल दी लेकिन फेलुकवायो ने वहां उसे बड़ी खूबसूरती से कैच में बदल दिया। विकेट गिरने का क्रम इसके बाद भी जारी रहा। खराब फार्म में चल रहे ऋषभ पंत (20 गेंदों पर 19 रन) ने फिर से अपनी गलती से विकेट गंवाया। वह फोर्टीन की चाल में फंस गये और लांग आफ पर आसान कैच दे बैठे। इसी ओवर में श्रेयस अय्यर (आठ गेंदों पर पांच) के आउट होने से स्कोर पांच विकेट पर 92 रन हो गया। अब पंड्या बंधुओं पर दारोमदार था लेकिन क्रुणाल तिहरे अंक में पहुंचने से पहले ही पवेलियन लौट गये। हार्दिक (18 गेंदों पर 14) अपनी पूरी पारी के दौरान रन बनाने के लिये जूझते रहे। रविंद्र जडेजा (17 गेंदों पर 19) ने रबाडा पर छक्का जड़कर उम्मीद जगायी थी लेकिन अंतिम ओवर में तीन विकेट गंवाने से भारत 140 रन तक भी नहीं पहुंच पाया।