बागपत के दिलेरों का खेल जगत में जलवा

इकलौता जिला जिसके हिस्से में आए छह अर्जुन अवॉर्ड
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के खिलाड़ियों ने दुनिया भर में अपना लोहा मनवाया है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में बागपत अकेला ऐसा जिला है, जिसके हिस्से में छह अर्जुन अवॉर्ड हैं। अकेले मलकपुर गांव के पहलवानों ने ही तीन अर्जुन अवॉर्ड जीते हैं। शूटर दादी चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर के जीवन संघर्ष पर फिल्म सांड़ की आंख बन चुकी है, जो इस दीपावली पर रिलीज होने जा रही है। मलकपुर को पहलवानों के गांव के रूप में जाना जाता है।
कुश्ती में मलकपुर और निशानेबाजी में जौहड़ी
कुश्ती में मलकपुर के पहलवानों का जवाब नहीं है। अर्जुन अवॉर्डी सुभाष पहलवान, शौकेंद्र तोमर और राजीव तोमर के अलावा ओलंपियन संदीप तोमर मलकपुर के रहने वाले हैं। निशानेबाजी में जौहड़ी के खिलाड़ियों का जवाब नहीं। शूटर दादी चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर के जीवन संघर्ष पर फिल्म 'सांड की आंख' बन चुकी है। बिनौली रेंज के निशानेबाज सौरभ तोमर ने देश का नाम ऊंचा कर दिखाया है।
कबड्डी में बागपत के दिलेरों का है जलवा
कबड्डी में बागपत के खिलाड़ियों ने दमदार खेल दिखाया है। मलकपुर के नितिन तोमर ने भारतीय टीम को कई मैच जिताए। फखरपुर गांव में कबड्डी में नाम कमाया है। दाहा में भी कबड्डी के युवा खिलाड़ियों की फौज तैयार हो रही है।
तीरंदाजी में धनौरा ने किया नाम ऊंचा
तीरंदाजी में मधु वेदवान की अगुवाई में बागपत का नाम ऊंचा हुआ है। पिछले दिनों ही गांव की रितिका को यश भारती से नवाजा गया था। यहां के तीरंदाजों का कोई जवाब नहीं।
खेकड़ा के अंकुर धामा ने साबित की बादशाहत
दिव्यांग एथलीट अर्जुन अवॉर्डी अंकुर धामा ने खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित कर दिखाया है। पैरालंपिक में अंकुर पदक से जरूर चूक गया था, लेकिन वह तैयारी में जुटा है।
किसने क्या कहा
-ओलंपियन संदीप तोमर का कहना है कि खिलाड़ियों को सुविधा नहीं। सुविधा के नाम पर प्रशिक्षण केंद्र तक नहीं, प्रशिक्षित कोच नहीं है, बाहर भेजने के लिए सुविधा तक भी नहीं है।
-एशियन चैंपियन सुभाष पहलवान का कहना है कि खेलों के महाकुंभ ओलंपिक में हम खिलाड़ियों से पदक लाने की उम्मीद तो करते हैं, लेकिन उससे पहले उन्हें सुविधा देने से कतराते हैं।
-अर्जुन अवार्डी शौकेंद्र तोमर का कहना है सुविधाएं न मिलने के कारण जनपद के खिलाड़ी अन्य प्रदेशों की रुख कर रहे हैं। सरकार की इस बेरुखी से जनपद के खिलाड़ियों को पिछड़ना पड़ रहा है। 
यहां मिलनी चाहिए सुविधाएं
खेकड़ा में वर्ष 2007 मेें जिला स्तरीय खेल स्टेडियम की स्थापना कराई । इसके निर्माण में करीब तीन करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आया। खिलाड़ियों का कहना है कि यहां पर सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने जेवी कॉलेज बड़ौत में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का इंडोर कुश्ती स्टेडियम तैयार किया। इस स्टेडियम के निर्माण में 6.5 करोड़ रुपये खर्च आया।
खिलाड़ियों का कहना है कि यहां पर कोच रखा जाना चाहिए। दिल्ली-सहारनपुर हाईवे से बड़ौली और जोनमाना गांव के बीच तैयार किया गया। स्टेडियम विभिन्न खेलों के लिए बनाया गया है। हाल ही में इसका लोकार्पण प्रदेश के पूर्व खेल मंत्री चेतन चौहान ने किया था। खिलाड़ियों ने 13 करोड़ रुपये की लागत से 37 बीघा परिक्षेत्र में तैयार हुए इस स्टेडियम में भी सुविधाएं बढ़ाने की मांग रखी गई है।

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