दिग्गजों के खराब प्रदर्शन से भारत का विजय रथ रुका

लाउरा-क्लार्क की नाबाद पारी, ऋचा की मेहनत पर फिरा पानी
खेलपथ संवाद
विशाखापत्तनम। दिग्गजों की नाकाम बल्लेबाजी तथा खराब क्षेत्ररक्षण की वजह से दक्षिण अफ्रीका ने भारत को तीन विकेट हराकर उसके विजय रथ को रोक दिया। एक समय भारत मजबूत स्थिति में दिख रहा था, लेकिन अंतिम लम्हों में हमारी गेंदबाजी यूनिट के पास ट्रायन और नादिन डी क्लार्क के आक्रामक खेल का कोई तोड़ नजर नहीं आया। रही-सही स्थिति खराब क्षेत्ररक्षण ने बिगाड़ दी।
गुरुवार को महिला विश्व कप का रोमांचक मुकाबला विशाखापत्तनम में खेला गया जिसमें भारतीय महिला टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए ऋचा घोष की 94 रनों की पारी की बदौलत 49.5 ओवर में 10 विकेट पर 251 रन बनाए। जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने 48.5 ओवर में सात विकेट खोकर 252 रन बनाए और मुकाबला अपने नाम कर लिया। उनके लिए कप्तान लाउरा वोलवार्ड्ट ने 70 और नादिन डी क्लार्क ने नाबाद 84 रन बनाए। भारत के लिए क्रांति गौड़ और स्नेह राणा ने दो-दो विकेट लिए जबकि अमनजोत कौर, श्री चरणी और दीप्ति शर्मा ने एक-एक विकेट झटके।
इस शिकस्त के साथ भारतीय महिला टीम का विजय रथ थम गया। हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व वाली टीम ने श्रीलंका को 59 रन और पाकिस्तान को 88 रन से हराया था। इस जीत के साथ दक्षिण अफ्रीका की टीम चार अंक और -0.888 के नेट रन रेट के साथ चौथे स्थान पर काबिज है। वहीं, भारतीय महिला टीम तीन में से दो जीत और एक हार के साथ तालिका में तीसरे स्थान पर बनी हुई है। उसके खाते में भी चार अंक हैं और नेट रन रेट +0.959 है। शीर्ष दो स्थानों पर क्रमश: ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीमें हैं।
252 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत निराशाजनक रही। क्रांति गौड़ ने अपनी धारदार गेंदबाजी से शुरुआत में ही तजमिन ब्रिट्स (0) को शानदार रिटर्न कैच आउट किया। इसके बाद मारिजन कैप, सुने लूस, एनेके बॉश और सिनालो जाफ्ता जल्दी-जल्दी आउट हो गईं और स्कोर 81/5 पर सिमट गया। हालांकि, कप्तान लाउरा वोलवार्ड्ट (70) ने डटकर बल्लेबाजी की और क्लो ट्रायन (49) के साथ छठे विकेट के लिए 51 रन जोड़कर पारी को संभाला। जब वोलवार्ड्ट को गौड़ ने शानदार यॉर्कर पर बोल्ड किया, तब अफ्रीका 142/6 पर था और टीम जीत से अब भी 110 रन दूर थी।
इस मुश्किल घड़ी में ट्रायन और नादिन डी क्लार्क ने आक्रामक खेल दिखाया। डी क्लार्क ने दो शानदार छक्कों के साथ दबाव हटाया और सातवें विकेट के लिए 69 रनों की साझेदारी कर टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया। अंत में डी क्लार्क ने जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली और 84 रन (54 गेंद, नाबाद) की तूफानी पारी खेलते हुए टीम को 48.5 ओवर में 252/7 तक पहुंचा दिया। भारत की ओर से क्रांति गौड़ (2 विकेट) और स्नेह राणा (2 विकेट) सबसे सफल गेंदबाज रहीं, जबकि अमनजोत कौर, श्री चरणी और दीप्ति शर्मा ने एक-एक विकेट लिया।
भारतीय टीम की पारी की रीढ़ बनीं युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋचा घोष, जिन्होंने मुश्किल हालात में शानदार 94 रन (77 गेंद, 11 चौके, 4 छक्के) की पारी खेली। शुरुआत भारत के लिए अच्छी रही थी। प्रतीका रावल (37) और स्मृति मंधाना (23) ने पहले विकेट के लिए 10.2 ओवर में 55 रन जोड़े। लेकिन इसके बाद भारतीय शीर्ष क्रम लड़खड़ा गया। हर्लीन देओल (13) के आउट होते ही टीम ने अगले कुछ ही ओवरों में पांच विकेट मात्र 19 रनों के अंदर गंवा दिए और स्कोर 102/6 हो गया।
इसी मुश्किल घड़ी में ऋचा घोष ने मोर्चा संभाला। पहले उन्होंने अमनजोत कौर (20) के साथ सातवें विकेट के लिए 51 रन जोड़े और फिर स्नेह राणा (33) के साथ 88 रनों की धमाकेदार साझेदारी कर भारत को प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुंचाया। राणा और घोष की साझेदारी के दौरान ऋचा ने पारी में तेजी लाई, अंतिम 24 गेंदों में 44 रन ठोके। हालांकि शतक से छह रन दूर वह अंतिम ओवर में आउट हो गईं। दक्षिण अफ्रीका की ओर से क्लो ट्रायन ने तीन विकेट लिए, जबकि मारिजन कैप, नादिन डी क्लार्क और नोनकुलुलेको मलाबा को दो-दो विकेट मिले। वहीं, तुमी सेखुखुने को एक विकेट मिला।