'पेरिस 2024 में पदक जीतती, तो संन्यास ले लेती'

ओलम्पिक कांस्य विजेता लवलीना का बड़ा खुलासा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। टोक्यो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीत चुकी भारत की स्टार मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने हाल ही में खुलासा किया है कि वह पेरिस ओलम्पिक के बाद संन्यास लेने का विचार कर रही थी। लेकिन वहां पदक चूकने के बाद उन्होंने अपना फैसला टाल दिया। असम की यह मुक्केबाज आगामी विश्व चैम्पियनशिप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी करने के लिए तैयार है और उनका लक्ष्य ओलम्पिक में दूसरा पदक जीतना है।
लवलीना ने कहा कि अगर वह पेरिस में पदक जीत लेतीं तो संभवतः वह मुक्केबाजी को अलविदा कह देतीं। उन्होंने कहा, 'मैंने पेरिस तक खेलने की योजना बनाई थी। अगर मैं वहां पदक जीतती तो शायद खेल छोड़ देती। लेकिन अब मैं फिर से वापसी के लिए तैयार हूं।' टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना पिछले साल अगस्त में पेरिस ओलंपिक खेलों के बाद से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से दूर हैं।
रिंग से दूर रहने के दौरान उन्होंने अपनी अकादमी स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसका उद्घाटन जून में गुवाहाटी में हुआ। लवलीना ने कहा, 'जब मैंने अपनी अकादमी शुरू करने के बारे में सोचा तो मैंने पेरिस (ओलंपिक) तक खेलने की योजना बनाई थी और उसके बाद मैं संन्यास ले सकती थी, लेकिन पेरिस में नतीजा वैसा नहीं रहा जैसा मैंने सोचा था। अगर मैं वहां पदक जीत लेती तो खेल को अलविदा कह सकती थी।'
फ्रांस की राजधानी में 27 वर्षीय लवलीना लगातार दूसरा ओलंपिक पदक जीतने के बेहद करीब पहुंच गई थी, लेकिन महिला मिडिलवेट (75 किग्रा) वर्ग के क्वार्टर फाइनल में चीन की चैंपियन ली कियान से हार गई। लवलीना से जब पूछा गया कि क्या 2028 में होने वाले ओलंपिक खेल उनका आखिरी टूर्नामेंट हो सकता है, उन्होंने कहा, 'हां ऐसा संभव है। मैं पेरिस ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक जीत सकती थी, क्योंकि पोडियम तक पहुंचने वाली सभी खिलाड़ियों को मैं पहले हरा चुकी थी। जिससे मेरे खेल के स्तर का पता चलता है। मैं ओलंपिक पदक जीत सकती हूं।’
लवलीना चार सितंबर से लिवरपूल में शुरू होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में भाग लेगी लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि इस प्रतियोगिता के लिए उन्होंने सीमित तैयारी की है। उन्होंने कहा, 'मैं लंबे ब्रेक के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने जा रही हूं। मुझे तैयारी के लिए केवल एक महीने का समय मिला है, इसलिए मैं अपनी सहनशक्ति और ताकत पर भी काम कर रही हूं।'