सौरव गांगुली ने भारत की हार पर व्यक्त की निराशा

कहा- जिस तरह की प्रतिभा उसे लॉर्ड्स टेस्ट जीतना चाहिए था
खेलपथ संवाद
मुम्बई। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में भारत की हार पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस टीम में असाधारण प्रतिभा होने के बावजूद उसे गलत नतीजे का सामना करना पड़ा। गांगुली का मानना है कि शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों का बेहतर प्रदर्शन भारत को इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की श्रृंखला में बढ़त दिला देता।
भारतीय टीम तीसरे टेस्ट में जीत के लिए 193 रन का पीछा करते हुए लक्ष्य से 22 रन दूर रह गई। इस हार के साथ ही टीम पांच मैचों की श्रृंखला में 1-2 से पिछड़ गई। शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के बाद रविंद्र जडेजा (नाबाद 61) की अगुवाई में निचले क्रम के बल्लेबाजों से जिस तरह का संघर्ष दिखाया वह काबिले तारीफ था। गंगुली ने कहा कि इस श्रृंखला में भारत के बल्लेबाजी के तरीके से थोड़ी निराशा हुई, उन्हें यह 193 रन बनाने चाहिए थे।
जब आप जडेजा को इस तरह से संघर्ष करते हुए देखते है तो मुझे लगता है कि इस टीम में जो प्रतिभा है उससे खिलाड़ी मुझसे ज्यादा निराश होंगे। यह इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला में 2-1 की बढ़त लेने का मौका था। मुझे यकीन है कि वे 190 तक नहीं पहुंच पाने से निराश होंगे, खासकर उनके ड्रेसिंग रूम में बल्लेबाजी की गुणवत्ता को देखते हुए। अगर शीर्ष क्रम के बल्लेबाज थोड़ा बेहतर खेलते, तो परिणाम अलग होता। यशस्वी जायसवाल अपना खाता नहीं खोल पाए।
वहीं शुभमन गिल (छह) और ऋषभ पंत (नौ) दोहरे अंक तक नहीं पहुंच पाए। केएल राहुल ने पारी का आगाज करते हुए 39 रनों की पारी खेली, लेकिन आखिर में रवींद्र जडेजा (61 रन नाबाद) अकेले पड़ गए। बीसीसीआई के पूर्व प्रमुख ने जडेजा की असाधारण बल्लेबाजी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह असाधारण रहे हैं, वह भारत के लिए तब तक खेलना जारी रखेंगे जब तक वह इस तरह बल्लेबाजी और प्रदर्शन करते रहेंगे।
गांगुली ने कहा कि वह लंबे समय से टीम में हैं। उन्होंने लगभग 80 टेस्ट मैच और 200 से अधिक एकदिवसीय मैच खेले हैं। आप बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण करते हुए उनके अनुभव को महसूस कर सकते हैं। वह एक विशेष खिलाड़ी हैं और पिछले कुछ वर्षों में उनकी बल्लेबाजी में वास्तव में सुधार हुआ है। वह इस टीम का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
सौरव गांगुली की बालकनी वाली शर्ट ने दी आर्चर को प्रेरणा: स्टोक्स
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने खुलासा किया है कि लॉर्ड्स के मैदान पर भारतीय कप्तान सौरव गांगुली द्वारा शर्ट लहराने की ऐतिहासिक घटना ने जोफ्रा आर्चर को भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट में प्रेरित किया। स्टोक्स ने बताया कि उन्होंने सोमवार सुबह आर्चर से कहा था कि “आज का दिन खास है”, जिस पर आर्चर ने गांगुली की 2002 की नेटवेस्ट ट्रॉफी जीत की घटना याद की, जब उन्होंने लॉर्ड्स की बालकनी में शर्ट उतारकर लहराई थी। आर्चर को लगा कि वह कोई वर्ल्ड कप फाइनल था और इसे छह साल हो गए हैं, जबकि असल में यह 22 साल पुरानी घटना है।
टेस्ट के पांचवें दिन आर्चर ने पहले ऋषभ पंत को बोल्ड किया और फिर वाशिंगटन सुंदर का शानदार कैच अपनी ही गेंद पर लपका। यह दोनों विकेट इंग्लैंड की 22 रन से जीत में निर्णायक साबित हुए। स्टोक्स ने कहा, “मुझे यकीन था कि जोफ्रा कुछ बड़ा करेगा। छोटे लक्ष्य का पीछा कर रहे भारत के खिलाफ पंत का विकेट बेहद अहम था।” उन्होंने ये भी जोड़ा, “मैं 2019 के वर्ल्ड कप की सालगिरह की बात कर रहा था, लेकिन जोफ्रा गांगुली वाले पल में खोया हुआ था। वो वाकई दिलचस्प लड़का है।”
चोट से वापसी कर रहे स्टोक्स ने 9.2 और 10 ओवर के दो लम्बे स्पेल डाले और भारत पर लगातार दबाव बनाए रखा। उन्होंने कहा कि 23 जुलाई से मैनचेस्टर में शुरू हो रहे चौथे टेस्ट के लिए वह पूरी तरह फिट रहेंगे। मैच के दौरान दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच छींटाकशी पर स्टोक्स ने कहा, “इस तरह की बड़ी सीरीज़ में ऐसा होना सामान्य है, जब तक यह मर्यादा में हो। मुझे नहीं लगता कि किसी भी टीम ने सीमा लांघी है।”